E-Souvenir - Dynamic Tarang Pvt. Ltd., Ranchi
Transcription
E-Souvenir - Dynamic Tarang Pvt. Ltd., Ranchi
तवीर जो तेर बसा ब ल है इस दल म Online Mushayra, July 30th 2011, 8.30 PM, IST The book is a compilation of all creative writing ting shared by eminent guests participated in the “online Mushayra” organized on July 30th 2011, 8.30 PM, IST onwards at http://facebook.com/amit.harsh Organizing Committee Manish Kumar Dharmendra Sharma Vinay S. Pandey Amit Harsh Siya Schdev 8/7/2011 'E-Souvenir' Souvenir' मश ु ायरे के जानब से महफ़ल म है आज शादाब नज़ारे महक हुई फज़ा है रं गीन इशारे उदा 'गज़ल-ओ-अशआर' के साथ सजाने ब$म चले आये ह' (सतारे दो+त,.. ये पहला तज़ब ु ा/ "Online मश ु ायरा" बेहद सुखद और हसीन रहा .. सचमुच लु3फ़ आया... तकर4बन 62 शायर दो+त, ने अपने खूबसूरत अशआर, से एक अजीब समां बाँध 9दया .... उस शाम हर कोई, जो उस पो+ट से गुजरा अपने लाजबाब कमे<=स और अशआर से सामइन (?ोताओं) को लु3फंदोज़ कर गया... .. पांच घंटे म 1100+ कमे<=स इस बात के गवाह है .. क मश ु ायरा बेहद कामयाब रहा... सच तो ये है क Organising Team को भी इस अपार कामयाबी का Dबलकुल अंदाज़ नह4ं था... आपके इस 'जोश-ओ-खरोश' ने Organising Team म एक नये उ3साह का संचार कया है... मझ ु े खुद जाती तौर पर शायर4 के GHत लोग, के Iझान का संJान नह4ं था.... इस जबरद+त response के चलते हमारे अज़ीज़ मनीष भाई ने एक औपचाLरक तौर पर एक 'ESouvenir' .. 'E +माLरका' जार4 करने का G+ताव रखा और 'आयोजन स(मHत' ने अनम ु ोदन के साथ साथ इसे अलमी जामा पहुँचाने म भरपरू सहयोग 9दया | आज 7 अग+त "Friendship Day" के खास मौके पर ..आपक नज़र ये 'E-Souvenir' .. 'E +माLरका' "मश ु ायरे के जानब से" ... 30 जल ु ाई को आयोिजत मुशायरे के उपलOय पर जार4 क जा रह4 है ... मुझे यह बताने म खश ु ी हो रह4 है क इस मश ु ायरा का आयोजन हर 9दल अज़ीज़ खश ु (मजाज़ 'मनीष कुमार' के खुराफात 9दमाग क उपज है ... 'मनीष कुमार', एक सफल Pयवसायी के साथ साथ एक लाजबाब दो+त है.. उनक मौजद ू गी महफ़ल म रं ग भरने के (लए काफ होती है .. धमQ<R भाई के motivation, Gो3साहन और Sवनय भाई के guidance, माग/दश/न के Dबना यह आयोजन मम ु कन ह4 नह4ं था.... धमQ<R भाई और Sवनय भाई दोन, ह4 corporate world के 9दTगज है और आपने अपने संगठनो म बड़े ओहदे संभाल रहे है ... उनक management skill और technical competency ने इस आयोजन को बेहद आसान बना 9दया.... और हम बेहद खश ु नसीब है क एक बेहद मशहूर-ओ-माWफ़ शायरा मोहतरमा '(सया सचदे व' का सहयोग हम इस आयोजन के (लए हा(सल हुआ.. मोहतरमा '(सया सचदे व' एक +थाSपत शायरा ह4 2 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me नह4ं बेहद सुर4ल4 गाHयका भी है ... उनक कई कताबे 'मंज़र-ए-आम' पर आ चुक है .... .. उनके (लखे और गाये सफ होगी.. अब ू गीत, का एक एXबम भी बाज़ार म आ चुका है .. आपको जानकर खश ु ी होगी हम जXद4 ह4 इनके गीत और गज़ले फXमो फ म भी सन ु ेगे ... दो+त, ... आपके अपार +नेह, ख़ुलूस-ओ-मोह\बत का ये दो+त हरदम आभार4 रहे गा .. मझ ु े परू 4 उमीद है क आप अपना ये Zयार बनाये रखेग ..... ... अ(मत हष/ ... लखनऊ , उ3तर Gदे श Hनन खास दो+त, क Sवशेष (शरकत औरर सहयोग का म' बेहद शु[गुज़ार ह,... ह, Aarushi Parashar / AK Sinha / Anil Das/Anil D Tiwari /Anurag Aditya Bajaj /Adarshini Adarshini Srivastava / Archana Chakravarty / Archna Pant / Ashok Mann / Ashok Pritmani / Kaushlendra Mahor/ Mahor Atrayee Majumdar / Ayush Garg / Bhavana Bhavee / Brajesh Kumar Mishra / Chetan Parikh/ चेतन रामकशन / Chowdhary Akash / Deepak Tyagi / Dharmender Sharma / GPS Malhotra / Dhriti Srivastava / Drkumud Tiwary / Geetanjli Arora / Gunjan Patel / Gurmeet Singh / Gyanendra Shukla / Harshadkumar Somaiya / Himanshu Sharma / Indu Singh / Jyoti Julka/ Kuldeep Sharma Sharma/ Manish Kumar / Mohini Mishra / Navdeep Punia/ Punia Navneet Kumar / Navneet Kumar / Nidhi Tandon / Rachit Sondhi / Rainy Sharma / Raj Kamal / Raj Kowsik / Rajat Khare / Rajendra Purohit / Rajiv Shukla / Rakesh Julka /Rana Rehan / Rekha Tyagi Shukla / Renu Pari / Saira Isar / Santosh Tiwary / Shafiqa Bano / Shanker Kargeti / Gurmeet Singh/ Singh Shikha Atul / Siddharth Mishra / Siya Sachdev / Soma Mitra / Sushil Jhunjhunwala / Tarun Shandilya / Vandana Grover / Vandana Sharma / Vikash Malviya / Vinay S. Pandey ... अ(मत हष/ ... 3 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me स<दे श सभी सा^थय, को मै_ी 9दवस क बहुत बहुत शभ ु कामनाएं. यह हमारा सौभाTय है क अपनी तरह के एन अनठ ू े Gयोग "ऑनलाइन मश ु ायरा" म आप सभी ने बढ़ चढ़ कर 9ह+सा (लया. जैसा क अ(मत भाई ने कहा क मा_ ५ घंटे म १०००+ कम =स आना एक नए दौर क सोच को इं^गत करता है . फेसबुक ने जो मंच Gदान कया है वह दो+ती और मै_ी क नयी उं चाईय, को छू रहा है . हम म से बहुत से ऐसे लोग ह' जो कभी एक दस ू रे से नह4ं (मले और ना ह4 Pयिgतगत तौर पर जान पहचान है . पर<तु इस मश ु ायरे न हम सभी को एक मंच पर दो+त, के Wप म ला खड़ा कया है . इस इ-पिु +तका को आप तक पहुंचाते हुए आयोजन स(मHत के सम+त सा^थय, को अ3यंत हष/ हो रहा है . ११०० से अ^धक 9टZपhणय, और हरे क शेर/ग़ज़ल को एक प+ ु तक के Wप म संयोिजत कर पाना अपने आप म ह4 एक भागीरथ काय/ है . लेकन सkची लगन और उ3साह ने ये काम जैसे पलक झपकते ह4 हमसे करवा (लया. हमार4 ऊजा/ का lोत आप सभी क ऊजा/ है , इस छोटे से Gयास ने यह अkछे से साDबत कर 9दया. आयोजन स(मHत क और से पन ु : आप सभी का आभार Pयgत करता हूँ और एक छोट4 सी भ ट आप सभी को समSप/त करता हूँ. ये मै_ी सैदव बनी रहे , इसी आशा के साथ. आपका, धमQ<R नई 9दXल4 4 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me स<दे श गम-ए-त<हाई म म+ ु कुराते रहे नाम (लखते रहे और (मटाते रहे खो गए कुछ इस क़दर त+वीर म उनक हम गज़ल (लखते रहे और गुनगन ु ाते रहे इस यादगार "ऑनलाइन मश ु ायरा" को कैसे भल ु ाया जा सकता ह' हमारे SGय (म_ 'मनीष जी' इतनी पLर?म से 'त+वीर' बनायीं और इतना खब ू सरू त मश ु ायरा आयोिजत कया वो यकनन कबीले तार4फ़ है ... मेरे FB (म_ धमQ<R जी और Sवनय जी के अतुलनीय सहयोग के Dबना ये सफल आयोजन संभव नह4ं था.... 'अ(मत हष/' जी क लेखनी क म' बेहद कायल हूँ... उनक द4वार पर आयोिजत इस अभूतपूव/ मश ु यारा अपनेआप म एक इHतहास रच 9दया... दो+त, म' 'आयोजन स(मHत' क तरफ से Hनन आपको सब का आभार Gकट करती हूँ... ************ आभार ********** एक मंच पर लाये सबको Gेम का हो संचार भेद रहे ना कसी मन म, सरल बने Pयवहार जात धम/ का फक/ ना कोई, मन म था बस Zयार सबक हो पहचान सभी से मधुर बने Pयवहार यह4 कR Dबंद ु बना, इस उ3सव का सार मानवता आगे बढ़4, 9हंसा को द3ु कार इसी सोच का हम सबने कया यहाँ Gसार श\द जोड़ कर श\द से, रचा काPय संसार आप सभी के साथ ने हमे 9दया उ3साह अपने अपने कत/Pय, का, हुआ यहाँ Hनवा/ह गीत यहाँ पर कहे गए, कहे गये ह' शेर, काPय के SवSवध संकलन का, हुआ यहाँ Gवाह आप सभी आये यहाँ, आपका है उपकार आप सभी Sवoवान ह', आप ह' रचनाधार आप सभी के ध<यवाद को, कम होते ह' श\द, आप सभी को है नमन, आपका है आभा (सया सचदे व ..... बरे ल4, उ3तर Gदे श 5 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me स<दे श (म_,, आज )07-08-2011) बहुत ह4 हष/पूण/ 9दवस है , एक ओर आज हम सब "मै_ी9दवस-" (Friendship Day) मना रहे ह', वह4p दस ू र4 ओर यह संजोग व सौभाTय क आज ह4 के 9दन यह पुि+तका आपको समSप/त करने का अवसर हमको (मला... 30 जल ु ाई 2011 को Online Mushayara म सभी क (शरकत और G+तHु तय, म आप सभी का बढ़चढ कर 9ह+सा लेना, आप सभी के Gेम और लगाव का पLरणाम क मश ु ायरे म हमने दे खा सभी एक दस ू रे से पहले अपनी रचनाय प (या चन ु कर लाई गई)◌्र+तत ु करने म लगे थे, और इसी एक दस ू रे से आगे Hनकलने क होड का नतीजा क एक बहुत ह4 कम समय म इतने सारे कोम =स (मले, चँ ू क हम सब के (लए भी यह इस Gकार के आयोजन का पहला अनभ ु व था, कुछ क(मयां हमारे आयोजन म भी (म_, को महसूस हुई ह,गी, िजसके (लए म' पूर4 आयोजन स(मHत क ओर से आप सभी से uमाGाथv हूँ... आप सभी क (शरकत के (लए जहाँ एक ओर आप सभी का तह9दल से शु[या-ए-, वह4p दस ू र4 ओर आपसे अनरु ोध क आयोजन स(मHत क इस पुि+तका पेशकश को पढ़ कर, अपने Sवचार, अवं सुझाव, से हमको अवगत कराएं... सादर और सGेम आपका ह4... -Sवनय शंकर पाwडेय लखनऊ , उ3तर Gदे श 6 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me स<दे श All Friends...this is a matter of indeed pleasure to release this ‘Online Souvenir’, which is a compilation of all the creative writings, shared by all great friends. I am feeling previledged to being part of the organizating team and also have a ‘small’ space in your huge friend list. I just want to share my feelings... that ... I use to take part in lots of cultural events, when I use to be in school and collage... but with time, as usual one get to invole in ‘career’ and cutthroat ‘market compitition’... as usual got away from all such things.... I just want to explain my feeling in following few wordsहम तो िजदे ह मर से गए थे मगर आपने हम यूँ 'फर िजदा कर दया आप क) दल ु ार हम कुछ ऐसी ,मल आपने हम यूँ 'फर प-रंदा कर दया I am feeling honoured with the kind of love, effection and response given by all my friends… Let’s join our hand… it’s not only the fun, which matters in life…. But to support each other in time of need is also the beauty of being human being… Its not only the hard and coordinated work of the ‘organizing team’ … but I also take opportunity to thank all my friends… friends of friend…and to everybody, who is reading the Souvenir…. I also take this opportunity to introduce the team of “Radio Sheetal” of my organization Dynamic Tarang [P] Ltd, especially Mr. Akash, Direcotor (Operations), Mr. Rakesh Kumar, Manager (Operation) and Mr. Anant Prakash Pandey, IS&T who provided me immense support in designing the publicity materials. This was a good team effort. I future also, we need to organize such good and creative events, which can create smile in faces… which will create same enthusiasm and haapiness…. Just enjoy reading…and also give your advice to improve… Manish Kumar CMD Dynamic Tarang [P] Ltd Ranchi, Jharkhand www.dynamictarang.co.in 7 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me Content Chapter Content Chapter I 1. Planning Process 2. Promotion & Publicity 3. Participants Initiation of The Online Mushyra Program Participants Wise Creative Writing Chapter II Chapter III Page No 9 10 12 14 17 (In Alphabetical Order of Name of Person) Note – 1. 2. 3. 4. This book is the compilation of processes and creative writing posted by various participants. The book has been compiled using both English and Hindi Language. The may be grammatical / spelling mistakes because of the use of different fonts. There are chances that the creative writing posted by different participants may not be their own, and it’s really difficult for the organizing team to identify such issues. Hence it’s purely the responsibility of the participants to quote the name of the original artists. 5. This activity was organized for fun and does not have any commercial interest. 6. In case, any person wants to use any creative writing of any individuals for commercial purpose, it is his/her responsibility to take permission from those participants. :: Disclaimer :: This is to inform / declare that • The referred 'Mushaiyara' and the 'Souvenir' are an fun activity on Facebook, does not has any commercial interest. • The referred she'r and couplets in souvenir are just a reproduction of the comments of the participants, the organizing committee shall not be responsible for originality and source of such referred she'r and couplets (Organizing Committee) :: Notification :: Since Facebook has a limit on a Post i.e. 1000 comments (Max.) at a time .. Whereas we have received more than 1100+ comments on "Mushaiyara Post", therefore around first 100+ comments were automatically deleted from the post. Due to this technical, and comment limitations, and despite our efforts we are unable to retrieve first 100+ comments for our record and souvenir.. Organizing Committee do hereby apologizes for such missing comments.. and unable to reproduce those wonderful comments / she'r for this Souvenir.. (Organizing Committee) 8 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me Chapter 1: A. Planning Process i. A proper plan was developed to organize the ‘online mushayra’ and various people were messaged by floating the idea. Mixed responses were received and by and large most of the people said that this is a good idea to have the initiation. ii. A five person organizing team was constituted, comprises of following persons: • Mr. Manish Kumar, Ranchi, Jharkhand, India • Mr. Dharmendra Sharma, New Delhi, India • Mr. Vinay S. Pandey, Lucknow, Uttar Pradesh, India • Mrs. Amit Harsh, Lucknow, Uttar Pradesh, India • Mrs. Siya Sachdev, Bareilly, Uttar Pradesh, India iii. Mr. Vinay S, Pandey suggested the subject “Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me”... which was hearly accepted by everybody. iv. The organizing committee contacted each other through online discussion using ‘skype’ and maked out clear roles and responsibilities, which comprise of following areas: Sl. No. 01. Name Manish Kumar 02. 03. Dharmendra Sharma Vinay S. Pandey 04. Amit Harsh 05. Siya Sachdeva Roles and Responsibility Design advertisement, Develop Promotion Material, Invitation,Event Organizing, Stage Decoration, Cheering Audience, Documentation etc. Organizing Event, Recite Sher, Documentation of all creative writings by different participants Invitation to participants, Technical Support, Comparing and Documentation Arrange venue at his facebook Wall, Initiate the process and documentation Invite participants, Welcome Note, Recite Sher, Support in Documentation v. Each and every member contributed their best with proper use of information technology. vi. All the participants cheer the moment as it was a new experience of all of the team. 9 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me B. Promotion & Publicity Following three promotional materials were disgned and execute for inviting the participants and also enthusing, which contains two photographs and a video clip of 1.51 1.51 second duration. The details of which as follows: i. Invitation Card The invitation was designed and was uploaded on Monday,July 25th 2011 on the facebook with tagging to different likelike minded persons…the same invitation was also shared by all the organizing anizing members on their wall. Over-welming welming response was solicited by many friends. In total 37 persons liked it with 134 comments. ii. Promotial Material A video of 1.51 sec was developed which was posted on Thursday 28th July 2011, on Facebook wall, on Manish Kumar wall, which was shared by all the organizing team members including some of the friends also shared this on their wall. A good repose were received, which was liked by 37 people and received 47 friends comments. An event was also desined and was posted on July 29th 2011 in which all the friends were given the invitation. The script of the video as follows: नम+ते दो+त,, म' मनीष, बोल रहा हूँअपने अपने दस ु रे दो+त धरम दर भाई..., Sवनय भाई, अ(मत भाई और (सया जी के साथ... दो+त,, मानवीय Lरxते बड़े ह4 अजीब होते ह' .... Dबलकुल एक {े न क तरहजो अपनी मंिजल... पहले कई मीठy याद -खट4संजोती ह'रzतार रzतार पकड़ती है ..., धीमी होती है ..., कई अkछे बुरे चेहरे को अपने म समातीछोडती ...ठyक वैसे ह4 है अपनी िजंदगी...Hनरं तर चलती जाती है हम (मलते ह' ... जान पहचान होती है ... ... दो+त बनते 10 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me है ... लड़ते ह'... Dबछड़ते ह'... याद करते ह'... Zयार करते ह' ... उXलास करते ह'... कई 9दल म बस जाते ह' , तो कुछ... 9दल म ट4स भर जाते है ... िजंदगी इसी तरह अपने रzतार से चलती जाती है ...चलती चलती जाती है ... कई ई बार हम कहना ... हम बड़े भाTयशाल4 रहे क हम , आप जैसे कुछ अkछे दो+त (मले... ज<दगी बड़ी अजीब है क कुछ चाहतेह' क तार4फ के ...आप सब क रचनाएँ इतनी बेजोड़ है ..दे hखये ना ...और बोल कुछ और जाते ह' .... श\द, को नह4ं ...श\द नह4ं जुटा पा रहे , भावनाओ को समhझये.. ये ऑनलाइन मश रा न (सफ/ अपनी हुनर को 9दखने का आमं_ण है ... बिXक आपको अपने 9दल म बसाने क ु ायरा भी एक को(शश है ... सभी (म_ो से आ|ह होगा...क होगा मंच पर जIर आये...और बस छा जाएँ.. खुद भी आइये और दो+त, को भी लाइए.. याद रखे ३० जुलाई २०११, रात ८.३० बजे, भारतीय समय के अनस ु ार ...... अ(मत हस/ के साथ लखनऊ म (मलते ह' ... लखनऊ यूँ भी नवाब, का शहर है और नवाब, क...जान होती है शायर4 और मश ु ायरा ...अपने मेहमान नवाजी के (लए जानी जाती है ... तो आप सब का इंतज़ार है और आगे भी रहे गा... ा बस...त+वीर जो तेर 4 बसा ल4 इस 9दल म ... Manish Ku Kumar iii. Stage Design On the event of the Online Mushayra, a stage was degined and posted on Amit Harsh Facebook wall at July 30th 2011 and was made open for public at 8.30 PM. Huge responses were receided in which more than 100 people participated, with m more than 1000 comments and 8000 liking clicks. The program ended at 1.30 Am on July 31st 2011. The details of which will follow with all comments by different participants. 11 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me C. Participants The organising team extend its thanks to all the 142 participants, who participated in the online mushyara program, with their enthusiasm the names of the participants in ascending order of alphabet as follows: 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10. 11. 12. 13. 14. 15. 16. 17. 18. 19. 20. 21. 22. 23. 24. 25. 26. 27. 28. 29. 30. 31. 32. 33. 34. 35. 36. 72. 73. 74. 75. 76. 77. 78. 79. A K Sinha Aarushi Parashar Abhijeet Singh Adarsini Srivastava Ajay Cicilya Alka Mishra Amit Shee Anil Das Anil Maheshwari Anil Tiwari Anima Saxena Anish Jain Anita Kapoor Ankur Girish Anuradha Singh Anurag Aditya Bajaj Archana Chakravarty Archana Pant Arvind Manot Ashok Mann Ashok Pritmani Ashu Gohil Atrayee Majumdar Awaneesh K Singh Ayus Garg Bhavana Bhavee Bhupatsinh Gohil Bhupinder Sardana Binita Singh Brajesh Kumar Mishra Brajrani Mishra Chetan Parikh Chetan Ramkishan Chowdhary Akash Chulbul Pradhan Dheeraj Singh Mohammad Shahbuddin Mohini Mishra Muhammad Javed Mukesh Srivastava Mukund Mehotra Navdeep Punia Navneet Kumar Neeru Jalota 37. 38. 39. 40. 41. 42. 43. 44. 45. 46. 47. 48. 49. 50. 51. 52. 53. 54. 55. 56. 57. 58. 59. 60. 61. 62. 63. 64. 65. 66. 67. 68. 69. 70. 71. Dhriti Srivastava Dhruv Tripathi Dinesh Sharma Dipak Tyagi Dr Kumud Tiwary Ganesh Upadhyay Gitanjali Arora GPS Malhotra Gulsan Arora Gunjan Patel Gurmeet Singh Gyanendra Shulka Harikesh Mohan Harshadkumar Somaiya Hasmat Ali Khan Himanshu Sharma Inderesh Kumar Indu Singh Ishan Pandey Jahanvee Sharma Janak Rajula Jitendra Tiwari Journalish Ankur Dwivedi ‘Gopal’ Jyoti Julka Kaushlendra Mahor Keshav Gupta Kuldeel Sharma Lion Satya Prakash Dhaka Madhu Rani Manish Deo Manish Singh Manjeet Singh Marwah Manjot Mann Manoj Joshi Manoj Wadhwa 107. 108. 109. 110. 111. 112. 113. 114. Savita Warrier Seronika Seema Vyas Shabina Akhtar Shafiqa Bano Shalini Mehta Shankar Kargeti Shashank Shulka Shashi Shekhar 12 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 80. 81. 82. 83. 84. 85. 86. 87. 88. 89. 90. 91. 92. 93. 94. 95. 96. 97. 98. 99. 100. 101. 102. 103. 104. 105. 106. Neetu Amit Saini Nidhi Tondon Nikhil Vadhwani Pandit Rajeev Prabhakar Dwivedi Prabhanshu Shukla Prakash Khatoworah Prakhar Mishra Pramod Malhotra Prem Ratan Rathi Rachit Sondhi Rainy Sharma Raj Kamal Raj Kowsik Rajat Khare Rajeev Arora Rajendra Singh Nim Rajiv Sukla Rajni Chauhan Rakesh Julka Rana Rehan Tasveer Rekha Tyagi Sukla Renu Pari Rohit Gupta Ruchika Gupta Santos Tiwary Sapna Mishra 115. 116. 117. 118. 119. 120. 121. 122. 123. 124. 125. 126. 127. 128. 129. 130. 131. 132. 133. 134. 135. 136. 137. 138. 139. 140. 141. 142. Sheetal Khushi Shefalika Verma Shriprakash Dwivedi Siara Isar Siddharth Mishra Siddhartha Srivastava Sikha Atul Soma Mitra Sudarshan Diwan Sunil Champ Surender Kumar Sushil Jhunjhunwala Taj Kowshik Tarun Sandilya Vandana Grower Vandana Sharma Vatsala Pareek Veena Bhargav Vikash Malviya Vikash Ratan Vinay Jha Vinay K Pal Vinod Purohit Vipul Goswami Wasif Malik Waquar Anjum Yograj Prabhakar Zafar Irshad 13 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me Chapter 2 Process of Program Initiation A stage was designed and was initiated in following order 1. Initiation Amit Harsh महफ़ल म है आज शादाब नज़ारे महक हुयी फज़ा है रं गीन इशारे उदा 'गज़लअशआर-ओ-' के साथ सजाने ब$म चले आये है (सतारे mehfil me hai aaj shaadaab nazaare mahki hui fizaa hai rangeen ishaare umdaa 'gazal-o-ashaar' ke saath saajane bazm chale aaye hai sitaare मै 'अ(मत हष/' .. आप सभी दो+त, का 'तह9दल-ए-' से इ+तेकबाल करता हूँ इस ...Online मश ु ायरे के आगाज़ के (लए मशहूर और माWफ शायरा मोहतरमा .. आप सबक दो+त ..'(सया सचदे व' को आवाज़ दे रहा हूँ...Hनजामत क िज़मेदार4 संभाले ..और साथ ह4 म' चाहूँगा क मनीष भाई .. 2. Welcome Note by Siya Sachdev ये तो आपका खलस ू ह' है मोह\बते क Lरवायते ये जो रौनके महफ़ल म है सभी आपसे ह4 हजरू है 9ह<द+ ु े Sवxव के अलग अलग Gा<त ,शहरो से आये ,मोतबर चेहर, का हम ु तानी तहजीब से जड़ इ+तकबाल करते ह' तहे 9दल से +वागत आप का यहाँ इस.. आज.आधHु नक तकनीक और इ<टरनेट क दHु नया म सबसे जयादा लोग, तक पहुँचने वाले संवाद के मंच पर जो शायर और ?ोतागण उपि+थत ह'वे श\द, क दHू नया म अपनी रचना और कृHतय, के (लए ह4 नह4ं .. बिXक िजंदगी क उस छुअन के (लए भी जाने जाते ह' जो बताती है क उनके श\द केवल श\द नह4ं ह' बिXक हमारे सच का वो आईना भी ह' िजसमे हम िज<दगी ,Lरxत, और उनक नयी पहचान को भी नए (सरे से दे ख सकते ह'आज..मझ ु े उमीद है .. हम उनके साथ एक बार फर से िजंदगी के उसी सच को पढने का मौका (मलेगा... 14 हम उमीद है क ये मंच उन कSवय, और Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me शायर, को भी के नया चेहरा दे ने म मह3वपूण/ भू(मका Hनभाएगा िज<ह अपनी एक अलग पहचान क जIरत है अब आपके सामने ?ी धमQ<R शमा/ जी ., आयगे जो काय/कम/ के उेxय, के बारे म जानकार4 द गेधमQ<o...जाने मने शायर ...आ गए ..तो 9दल थाम के बै9ठये ... 3. Objectives of the Program by Dharmendra Sharma "त+वीर जो बसा ल4 है 9दल म ऑनलाइन "मश ु ायरे म आप सभी है बहुत बहुत +वागत है ये . !एक नया Gयोग .अपनी तरह का पहला मश ु ायरा है िजसका इंतज़ार हम सभी को बेसी से था लोग, को एक साझा मंच Gदान कया जाए जो इस मश ु ायरे का येय यह4 है क ऐसे कुछ न कुछ कहने गन ु गन ु ाने क मता रखते ह' पर एक माहौल नह4ं जट ु ा पातआप सभी को ग़ज़ल (लखने क Gेरणा जWर कसी ऐसे इंसान से (मल4 होगी िजनक रचनाय आपने/शेर/कSवता .पढ़4 और सन ु ी ह,गी रचना का संसार तो एक समुR क भांHत है और जो एक बार इस समुR म कूद गया, समझो फर उसी का हो कर रह गया मौके 9दल-बे-फर मौके .के उoगार Hनकलने लगते ह'एक ऐसी पूर4 . जमात िजनक कलम कुछ बोलना चाहती है , जो त+वीर को 9दल म बसा लेते ह' और उसको श\द दे ना चाहते ह'यहाँ सा9ह3य सज ृ न क तकनीक बार4कयां .के (लए है ये मंच उ<ह4 लोग,......... नह4ं ह', पर असीम संभावनाएं ह' अपने ज$बात तो अXफाज़ दे ने कबस यह4 उेxय है आज के . .मश ु ायरे का अब म' माइक मनीष भाई क और बढ़ा रहा हूँ, जो इस आयोजन के संयोजक ह' और आप सभी का एक बार फर से +वागत कर गे और महफ़ल के कुछ कायदे भी बताएँगे ...मनीष भाई . ता(लय, के साथ मनीष भाई का +वागत कज ...आईयेि◌ये 4. Do’s & Don’t’s by Manish Kumar ध<यवाद धमQ<R भाई... मझ ु को माइक दे ने का ढे र, शु[या... आई माइक वाले जरा साउं ड बढ़ा...सब तक आवाज़ पहुंचनी चा9हए.. सभी दो+त, का शु[या.. क आप महफ़ल म आ चुके ह'.. और 9दल म त+वीर भी बना चुके ह'... मुझे आयोजक मंडल4 ने ये िजमेवार4 द4 है ..क म' ये बताऊँ क gया करना है...gया नह4ं करना है .. सबसे पहले म/ ये कहूँगा क) 0या करना है ... १. सबसे पहले जहाँ अ(मत भाई ने शेर पढ़े ह'...वहां 'लाइक' को gल4क करे .. ताक आपक उपि+थHत दज/ हो जाय... २. आप बेसख अपनी रचना पढ़े ... और दस ु .े .. ू र, क भी सन ३, रचनाओ को Sवषय व+तु के मत ु ाDबक ह4 (लखे/पढ़े 15 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me ४. सब को 9दल खोल के शाबाशी द ... ५. बस सबके 9दल म अपनी त+वीर बसा दे ..और छा जाएँ 0या नह ं करना है .. १. यान दे क अपनी रचना अxल4ल ना हो... २. कसी को कोई ऐसी 9टZपणी ना द िजस से कसी का 9दल दख ु े ३. कोई भ,डा मजाक ना कर .. ४. यहाँ बहुत सी म9हलाएं भी (शरकत कर रह4 ह'... उ<ह बैठने क जगह द ... और जोरदार इज़त भी ५. झगड़ा और शोर Dबलकुल ना कर .. मुझे उमीद है ..क आप इसका धयान रखगे... और इस महफ़ल को शानदार बनायगे... इस मश ु ायरे क कताब भी बनायीं जाएगी और सब को शेयर क जाएगी... अब म' अपनी बात ख़तम करता हूँ...और मंच पे एक और आयोजक (म_ ?ी ?ी 108 ?ी Sवनय पाwडेय जी..को बल ु ाना चाहूँगा...ये नाम यूँ भी हम सब के 9दल म अपनी त+वीर बना चूका है ...Sवनय सर क रोज सुबह टयस ू न gलास लगती है ...जहाँ अkछy Jान द4 जाती है ...एक शानदार पुराना गाना भी सन ु ने को (मलता है ... और इनक तक ु बि<दया...वाह gया कहने... 9दल थाम के बै9ठये ... आपके सामने अब Sवनय साहब... 5. Comparing Note by Vinay S. Pandey शु [या, Manish भाई, जरा माइक वाले को क9हये माइक को थोडा नीचा सेट कर दे तो दो बात मौजद ू साहे बान से म' भी कर ल.ंू .. मनीष भाई ने बताया के मुशायरे म (शरकत करते हुए हमसबको gया और gया नह4ं करना है , म' यादा समय यहाँ पर न लगा कर मंच पर मौजूद बाक सभी के (लए यह मश ु ायरा समSप/त कर रहा हूँ, इस उमीद के साथ के हम सभी एक से बढ़ कर एक शेर...शायर4 से दो चार ह,गे-ओमश ु ायरे के आगाज़ पर मेर4 एक तक ु बंद4... हलचल जो मची 9दल म , अब महफ़ल म भी 9दखाई दे , त+वीर जो बसी 9दल म, अब महफ़ल म भी 9दखाई दे ... इसी तुकबंद4 के साथ माइक अब मंच पर उपि+थत शायरान के (लए खाल4 करता हूँ, एक के बाद एक आइये और अपनी शेरशायर4 से आबाद क-ओ-र द4िजए इस महफ़ल को 16 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me Chapter III Compilation of Creative Writing इतनी मौजूद जैसे 9दलIबा क हककत थी ……………. आद(श/नी ?ीवा+तव Aarushi Parashar 1. ZIKR TOH HAR PAL HUA FASANE MAIN....TOH KYA HUA JO THODI DER HUI AANE MAIN.... kar khayal me tujhko o jo murat tarashi hai jaan pad gai usme jo tune kamaal kah diya AK Sinha Adarshini Srivastava 1. 9दल म कसी का अgस गर दे खना होता है 1. Chora tha tumhe jis more pe, Soocha nahin milenge kabhi, Bhala ho is facebook ka, Na mil sake koi gum nahin, Yaaron ka mushira ek maanch par, Yeh bhi koi kum nahin 2. Zindagi hai ek azeeb si paheli Isme nahi koi kisi ki saheli Na janne kab koi mil jaya Sulajh jai uski koi paheli ........uhh! koi to rook lo mujhe 3. Ek aahat si hoti hai Dil ke darwazo pe Tees ubhar jaati hai Muskurate hootoh pe Lagta hai kabhi to miloge zarur Aas hai yahi hamare khabon (dream) ke ........ kao kaisi lagi ? 4. Meri khamoshi kehti hai yehi Tum milogi kabhi na kabhi Guzarish hai yahi aawaj jarur dena Beegano ki terak muh pher ne lena इस खाHतर मोह\बत म उतरना होता है समझे वो लाख दे र से मगर फर भी साँस, म टहलते हुए 9दल तक पहुंचना होता है नज़र (मलते ह4 पुतल4 म अgस उभर आये Hनगाह, के रा+ते 9दल म डूबना उतरना होता है ये ऐसी मूरत है जो तमाशाई को तमाशाई ह4 रहने दे वो दे खता रहे और 9दलो म गुतगू होती रहे नकल4 Lरxते जो दावा कर और पहरे पे खड़े ह, लाख घात लगाये रहे Wह, का (मलन होता रहे नादान वो जो चाबुक चलाये मोह\बत क पाकजगी पर उसके 9दल म भी कोई त+वीर हो तो वो भी खुदा हो जाये आँख खोले तो हर संू हर रोज़ हो चेहरा उसका नींद क आगोश से Hनकल चप ु के से वाब म टहल आये वह4 वजूद, वह4 शgल, वह4 बाते, वह4 अदा खवाब gया था अkछy खासी महकती चांदनी थी 17 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me आदतन जो तेरे वाद, पे ऐतबार कया म'ने आज वो ऐतबार Hनकल जाये तो अkछा है .... Amit Harsh 1. हो न जाए Iसवा कोई सरे महफ़ल म 2. रात भर इस महफ़ल कुछ ऐसा होए जागते रह शब भर, और सहर न होए... त+वीर एक बसा रखी है 9दल म फर याल, म (मले गर नींद आ जाये मु+कुराकर नज़र से वार करता है (सल(सला ये रं गे महफ़ल कम न होए... तमाम खDू बयां है मेरे काHतल म इXजाम रखंू या कWँ पैरवी उसक 'अ(मत' आज है बहुत मिु xकल म 3. ये आस मत लगाये रखना, 2. एXबम, पूर4 'Sपgचर गैलर4' बसा ल4 9दल के कोने म फर भी एक बात तो एक त+वीर क हुयी थी आपसे 3. मुिxकल हो रह4 है मुझे पढ़ने म इतनी तेज़ी से न (लखो यारो .. Earlier it was difficult to write on dictation etc… Now it is hard to read too.. त+वीर छुपाये रखना... 4. न Iके ये कलम शायर, क कभी, (सल(सला ये मश ु ायरा यु बना ह4 रहे .. 5. त+वीर तेर4 मेरे पहलु म हो, बसायी थी एक त+वीर, बि+तयां उजाड़ कर मोह\बत के तरह दो+त, ने यहाँ शायर4 को भी instant बना 9दया दौर महफ़ल का ये चलता रहे , पैमाना भरता रहे मय छलकती रहे , 5. न बनी आजतलक सबकुछ Dबगाड़ कर 6. instant coffee, instant photo और instent न (शकवा िजंदगी से न (शकायत रहे , शायर, क ये महफ़ल बनी ह4 रहे , 4. (शकवा अब कैसा तकद4र के साथ गज ु ार4 तमाम उ एक त+वीर के साथ कौन आता है कस को याद उ भर आरजू म यू ह4 सलामत रहे . 6. महफ़ल क शान म शायर म कलम तोड़ 9दए, कस कदर जवान हुई है शाम gया क9हये, लगे थे ताले िजनक जुबान पे बष से, आज खुल गयी है उनक जुबा gया क9हये, Anil Das 1. "Jawani Me Milna Duswar Hoga...Aur Ladakpan me waade kiye jaa rahen hain.......Jinhe baksha thaa maine saadi ke jode...wahi mera kafan Siye jaa rahen hain"...... Anurag Aditya Bajaj : 1. तेर4 याद, को तो बहा 9दया है अxक म , पर gया कर , कैसे भल ू ? त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है इस 9दल म, 2. यूँ तुझसे (मलने अब आना न होगा, गम-इ-जुदाई कोई अब सहना न होगा, Anil Tiwari 1. बात आज 9दल से Hनकल जाये तो अkछा है , Iख से ये नकाब हट जाये तो अkछा है , कभी दे खते थे तुझको हम आयने म , त+वीर तेर4 बसा ल4 है अब 9दल म , 3. मुझे मंिजल क तलाश नह4ं गर राह म साथ तेरा हो, 18 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me इस चाँद क जWरत मझ ु े नह4ं गर रात म द4दार लगता है चढ4 है एक माला और सामने जलती तेरा हो ! अगरब3ती है 4. चाय चाय चाय ! बोलो गरमा गरम चाय ! उस पर आप कहते ह' ''बसा ल4 है 9दल म'' शायर4 बहार आये, ये चाय जो अ<दर जाये ! गोया जैसे कोई चह ू ा Dबठा (लया हो Dबल म कॉफ़ ले लो... ने+कैफे क कॉफ़ पी लो ! जा^गये साहब, ज़माना हाई टे क हो चुका है इस मश ु ायरे क सब लोग जोर से जय बोलो ! (लहाजा आपका ये आइ डया आउट डेट हो चुका है 5. थक गए होगे आप, लो पी लो ठं डा पानी, अरे ज़रा संभ(लए ये महफ़ल यूँ सजी रह4, चलते रहे ये कहानी जमाने के साथ कदम (मला कर च(लए 6. sabne to basayi hai tasveer dil me, Humne basayi hai in aankhon me ! kholo to bhi wahi dikhate hain, Band karo to bhi wahi dikhate hain ! Mujhe likhna to aata nahi hai. Is liye bahar Chai ki dukan Pe milte hain ! Aaayiye aayiye.. Garma garam CHAI ! त+वीर, का नह4ं अब एमएमएस का दौर है िजधर भी दे hखये टे gनोलौजी का शोर है आज तो लोग ३जी अपना रहे ह' और महबूब से २४ घंटा WबW बHतया रहे ह'.. इस ज़माने म कर गे 'त+वीर' क, '9दल' क बात तो लोग हँ सगे Archana Chakravarty . और आपको ओXड फैशंड कह गे.... 1. इस सुकून ए 9दल के (लए त+वीर थी नाकाफ याद रhखये, ऐसी गलती दब ु ारा मत कLरएगा यह4 सोच कर द4वाने ने पूर4 फलम लगा ल4 है अगल4 दफा कुछ फड़कता हुआ शीष/क रhखयेगा और तू यादा Lरयल नजर आए इस जन ु ूं म ........................ ३-डी भी करा ल4 है 2. यकन माHनए आप कहलायगे ज़माने के साथ तो हम भी खश ु थे फट पर साथ ह4 थोड़े से कंयूज़ थे सो^चये तो ... भला ये कैसा है मश ु ायरा अरे भाई, ज़रा सा तो बढ़ाना था अपना दायरा कुछ बेहतर Sवषय तो ढूंढ कर लाना था और तब (म_, से रचनाएँ पढवाना था Sवषय है ... 'त+वीर तेर4 बसा ल4 है 9दल म ' आप ह4 सोच , gया ख़ाक मज़ा आयेगा महफ़ल और आपका मश ु ायरा भी हो जाएगा सुपर 9हट 3. उसके पास भी नह4ं कोई जवाब मेरे सवाल, का 4. 5. 9दल म बसा ल4 त+वीर तेर4, हालांक इरादा कुछ और था द4वार पर लगा ना सका gय,क Zला+टर कमजोर था कस ज़माने का आप ये Sवषय लेकर आये ह' सबसे पहले तो ''त+वीर'' श\द पर ह4 हम आपि3त जो तम ु से ना कह सक वो उससे कह गुज़रती हूँ म' तनहाई म अgसर तेर4 त+वीर से बात करती हूं म ?? लगता है बाबा आदम खुद क से Hनकल आये ह' कोई फक/ नह4ं है तुझ म और तेर4 त+वीर म 6. ऐसा नह4ं क 9दल म तेर4 त+वीर नह4ं थी... पर मेरे हाथ, म तेरे नाम क लकर नह4ं थी है 19 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 7. 8. उनक त+वीर लगा रखी है 9दल म बादल, म भर Dबजल4 Sव^ध ने कंु तल सँवारे बस जरा गद/न झक ु ाकर दे ख लेते ह' है आया ले सावन मन र(सया के oवारे अनजान बने रहते ह, मुझसे सरे महफल म gया होगा बोलो तेर4 त+वीर बसा के 9दल 3. (लखने को शायर4 है ढूंढ़4 एक तरकब मेरे यार ने उठाया आइना और रख (लया है कर4ब मेरे यार ने म ???????????? 9. मेरे 9दल म बसी अपनी ह4 त+वीर पाओगे 4. हम Wठ जब चले उनसे बोला गया तब यूँ हमसे पर सोच लो gया तम ु भी कलेजा चीर पाओगे?? र+मे Iसत तो Hनभाके जाइए आखर4 व¡त तो गले लगाके जाइए 10. उस शस क त+वीर ने जीता बड़ा ईनाम जो िजंदगी क हर एक जंग हारता रहा... 5. 11. ज़म इतना गहरा है इज़हार gया करते बंद करके आँख अपनी जब से कैद कर ल4 त+वीर 9दल म तेर4 हम खुद Hनशाना बन गए वार gया करते कल था फकर अब बनके शाह फरता है ले त+वीर सो गए हम मगर खुल4 रह4 आँख 9दल म तेर4 इस से यादा उनका इंतज़ार gया करते.. 6. अदा से चम ु ते ह' वो, आईने को मेरे सामने, अल सब ु ह हर रोज़ शब क खद ु कुशी का मंज़र, होता है सामने, अल Archna Pant सुबह हर रोज़ 1. वो ख़xु बू है , क झ,का है , क आहट सी है 9दल म ; इशरते बोसे क तासीर का भी तजम ु/ ा मुgकमल त+वीर है जो उसक उभर4 नह4ं कभी !!! कर सकता हूँ 2. त+वीर उसक मेरे यूँ 9दल म सजी दे खो; या खुदा बनाके आइना मुझे रख उनके सामने अल क़ाबे म कोई आयत, मं9दर म कोई बुत हो !!! सुबह हर रोज़ 7. Ashok Mann 1. Teri tasveer ko dil mein chupa rakha hai Tujhe ae dost palkon pe sajaa rakha hai Jaha par milegi bohat khushiyaan aur pyar Aisa dil mein ek chota sa ghar banaa rakha hai अ?ु बहे पावन गंगा से, ह' कपोल, पे आ के ठहरे पीर नह4ं अनुवा9दत करते, हष/ के अथ/ बड़े गहरे 8. तेर4 त+वीर को जबसे है मेरे 9दल म जगह (मल गई मेरे 9दल को भी तो अब धडकने क वजह (मल गई बाखद ु ा यक़नन हो जाती मात पैदल4 मात पैदल4 आपक वज़ह से इस नाचीज़ को भी शह (मल गई 9. प3थर, ने मुझे जब से (लया है अपनी आगोश म Ashok Pritmani : 1. तेर4 त+वीर के त\बसुम ने हौसला ये 9दया मेर4 हयात यह ँू 4 बेवज़ह जाया नह4ं हुई 2. मन नयनन को द4प बार आरती उतारे है आया ले सावन मन र(सया के oवारे 20 एहसास हुआ ये कतनी होती है नरमी आगोश म 10. कागज़ पे 9दल बना मेर4 त+वीर को च+पा कया रता रता उसने मुझको इस तरह अपना कया 11. त+वीर एक बना जो म'ने 9दल म रखी है प3थर के ¥ेम से ह4 लेकन मढ़ के रखी है Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me बेवज़ह ह4 नह4ं कया है इस तरहा म'ने उसने मेर4 पहचान भी तो संगतराश रखी है 12. आइना जब से बनाके सामने रखा है तम ु ने मुझेको Brajesh Kumar Mishra 1. "..इक ठ<डी सी आग इस 9दल मे दबा रखी है .. ..त ु हार4 बुझी सी त+वीर सीने से लगा रखी है .." कुछ तो इजाफा हुआ है है (सयत ओ Iतबे म #जेश# मुझको 2. क़3ल होने को हूँ मै बार4 बार4.. ..gय, सब ने भीड़ मचा रखी है .." # जेश # Atrayee Majumdar 3. 1. त+वीर जो 9दल म बसा ल4 तो ..सन ु ा है मौसम ने त+वीर बदल रखी है .." # 9दल न जाने कहाँ खो गया जेश# कहाँ जाऊं कहाँ खोजूं इस 9दल को त+वीर जो अब डुंडा तो 9दल कह4ं नह4ं (मला.... 4. #जेश# 9दल न जाने कहाँ खो गया त+वीर जो अब डुंडा तो 9दल कह4ं नह4ं (मला.... "..काश! त+वीर का दस ु रा Iख ऐसा भी होता.. ..ना तम ु मुझको ढुढ़ते .. ना मै तम ु को ख़ोता.." 2. त+वीर जो 9दल म बसा ल4 तो कहाँ जाऊं कहाँ खोजूं इस 9दल को "..(ससकते सावन ने भी मुझे सूखा दे खा.. 5. "..तकद4र का त+वीर से हरवgत ये तकाज़ा है .. ..हरे है सारे जम और वो घाव तेरा ताजा है .." #जेश# Ayush Garg Chetan Parikh 1. नए एहसास, ने ज<म (लया था इस मन म तेर4 आँख, को जब पहल4 बार छुआ था इस 9दल ने एक नयी उमंग सी मन म आई थी एक मीठy ख़श ु ी सी 9दल पर छायी थी मुरझाये हुए फूल फर से hखलने लगे थे सब कुछ भूल हम बस उसी के हो चले थे हर एक पल वो चेहरा होता है इन आँख, म त+वीर जो उसक बसा ल4 इस 9दल म . 2. हम उदासी के मंजर म कुछ यू खोये है त+वीर तेर4 दे ख कर बहुत ह4 रोये है 3. जाते हुए उसने इतना भी रहम न कया 9दल म बसी त+वीर को भी वापस (लया 1. उसक Hनगाह, क थरथराहट और मु+कान, क घबराहट को साफ-साफ दे ख रहा हूँ म' मेरे आस-पास क हवाओं म आ9ह+ता-आ9ह+ता घल ु रह4 है उसक सांस... ...अपनी त+वीर से Hनकलकर मेर4 +मHृ त म दाhखल हो रह4 है वह। 2. उसक Hनगाह, क थरथराहट और मु+कान, क घबराहट को साफ-साफ दे ख रहा हूँ म' मेरे आस-पास क हवाओं म आ9ह+ता-आ9ह+ता घुल रह4 है उसक सांस... ...अपनी त+वीर से Hनकलकर मेर4 +मHृ त म दाhखल हो रह4 है वह। 3. जब थका-हारा तन सोना चाहता है लेकन मन रहना चाहता है 21 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me +मHृ तय, म जगे रहना त ु हारे साथ, दे ख लेता हूँ Chowdhary Akash पस/ म रखी त+वीर त ु हार4 1. 4. §दय के ¥ेम म बार-बार त ु हार4 त+वीर सहे जने क को(शश क पर हर बार वह4 और वह4 kash k paas hota tu mere dhadkane mil patin............to kuchh likhti.Wow!-hamai pata na tha tum itnai gheharai mai jataiho,uhalai paani mai moti nahi miltai hai! त+वीर छोट4 हो जाती है और ¥ेम बड़ा और मेर4 तलाश शुW हो जाती है । Deepak Tyagi 5. म' तसPवुफ़ के मरा9हल का नह4ं हूँ कायल मेर4 त+वीर पे तम ु फूल चढ़ाती gय, हो 1. Parende ki fitrat le k aaye the wo humare dil me, jara se par kya nikle unhone to aasiyana hi badal diya......... 2. ये gया कया क वgते मक ु र/र पे आ गए, 6. जब भी दे खा है द4वार पर टँ गी मोनाल4सा क त+वीर को दे ख कर आईने म ख़द ु को भी Hनहारा है तम ु ने तो इंतजार क लजत ह4 छyन ल4।................ चेतन राम'कशन 3. wo jo jaagtey hain raatoun me kisi k lye *Galib*. . . . Wo hii janty hain kisi ko khoney ka dard kya hota hai. . . . 4. Muhabbat mujy tuj se nahi tere kirdar se ha Dost* Wrna haseen log bazar main aam bika krte hain........... 5. मेहरबाँ तेर4 नज़र, तेर4 अदाय क़ाHतल 1. "^च_ त ु हारा लगा §दय म , तम ु से लगन लगी है ! सद/ हवाओं का मौसम पर, मन म अगन लगी है ! जब तक Gेम नह4ं था हमको, नह4ं था हमको Jात, आज आंच को जान गया जब, दे ह पे तपन लगी है !" 2. ^च_ त ु हारा §दय म जबसे, हमने सखी लगाया! बस तम ु ह4 एक अपनी लागो, सारा जगत पराया! तुझको कस नाम से ऐ दो+त पुकारा जाये (मलने को तो (मल जातीं ह', सhखयाँ हमे अनेक, मुझको डर है तेरे वादे पे भरोसा करके वो तो तेर4 छाया भी ना, सखी तेरा Wप लभ ु ाया!" 3. तम ु भी पावन, पावन है ये ^च_ तेरा मनमीत! मुzत म ये 9दल-ए-ख़श ु फ़हम न मारा 6. Deepak Tyagi har mod par mil jate hai hamdard hajaro lagta hai meri basti me adakar bahut hai 7. ख़ुद को फ़रे ब दो क न हो तXख़ िज़<दगी पथ से मेरे Hत(मर (मटा है , पाकर तेर4 Gीत! जब तम ु मेरे पास ना होती, ^च_ के करता दश/न, कसी भी रण म जाऊ म' फर, मेर4 होती जीत!" हर संग9दल को जाने-वफ़ा कह (लया करो 4. आयोजन के +तंभ, को, मेरा सरल नमन है! गर चाहते हो ख़श ु रह कुछ बंदगाने-ख़ास आयोजन म भेद नह4ं है , Gेम का ये दप/ण है! िजतने सनम ह' उनको ख़ुदा कह (लया करो पांचो आयोजनकता/ओं को, करता हूँ Gणाम! आप सभी क रचनाओ को, मेरा Gेम सलाम!" 8. हाथ 9दया उसने मेरे हाथ म । म' तो वल4 बन गया एक रात मे॥ इxक़ करोगे तो कमाओगे नाम 22 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me तोहमत बटती नह4ं खैर ात म॥ 9. 17. उसने रात के अँधेरे मे, इxक़ बुर4 शै सह4, पर दो+तो। मेर4 हथेल4 पे अपनी नाजुक सी उँ गल4 से (लखा दल न दो तम ु , मेर4 हर बात म था..... इन Hनगाह, से कहो ढूंढ़ के लाय मुझ को ... "मुझे Zयार है तम ु से" . खुद को रख कर मै कह4ं भूल गया हूँ फर से जाने कैसी +याह4 थी वो, 10. meri khushkismati dekho ai jamane waalon, wo mujhe pyaar bhi krti hai aur wafadaar bhi hai............ 11. पहले तो अपने 9दल क रज़ा जान जाइये फर जो Hनगाह-ए-यार कहे मान जाइये कुछ कह रह4 है आपके सीने क धड़कने मेर4 सन ु तो 9दल का कहा मान जाइये इक धूप सी जमी है Hनगाह, के आस पास ये आप ह' तो आप पे क़ुबा/न जाइये 12. main sach se darta to tum mujhe dante ho tum dard se darkar bne mujhse bade kayar tumko pyar mil gaya aur mujhe mili judai tum kisi ki jaa bane main ban gaya shayar 13. तम ु भी आइना Hनकले ........तम ु भी .... तम ु भी ...आइने क तरह बेवफा Hनकले जो भी सामने आया उसी के हो गए .......... लज (मटते भी नह4 और आज तक 9दखते भी नह4......!! 18. Kash key mere dil ki aawaz main intna asar hojaye.. Aj hum app ko yaad kare aur app ko khbar hojaye...!!......... 19. ये आईने तुझे तेर4 खबर gया द गे ..... आ दे ख मेर4 आँख, म के तू कतना हसीन है ...... 20. Jo Baat Dil Mein Hai Lafzon mein Keh Bhi De Itna Nadaan Nahi Hoon Ke Mujhe kuch Dikhaai Naa De.......... 21. tume bhool jayenge ye vaada yaad hai humko , badan se rooh ka rishta jara tum toot jane to do!! 22. tere har sher ki tarif hum na karenge, kanhi ye jamana na jaan le meri diwangi ko........... 14. अपनी महफ़ल से ऐसे न टालो मुझे म' त ु हारा हूँ, तम ु तो सँभालो मुझे मोHतय, के (सवा कुछ नह4ं पाओगे िजतना जी चाहे उतना खँगालो मुझे िज+म तो ©वाब है , कल को (मट जाएगा Wह कहने लगी है, बचा लो मुझे 9दल से गहरा न कोई समंदर (मला दे खना हो तो अपना बना लो मुझे 15. Doobta hai to pani ko dosh deta hai Girta hai to Patthar ko dosh deta hai.. Insaan bhi bada Ajeeb hai Kuch kr nhi pata hai to KISMAT ko dosh deta hai... 16. ab use roz na sochu to badan tut ta hai, **** ek umar beet gayi hai, uski yaad ka nasha karte... 23. मह ु \बत म कभी तोहफ, क कमत नह4ं होती, (लपट के गले, वो अपनी खश ु बु बेशम ु ार दे गया 24. Ye ishq e mohabbat ki rivayat bhi ajeeb hai… Paya nahi hai jisko, useh khona bhi nahi chahte !!! 25. " teri tasveer ko hum apna na kahe to kya kahe tugh per to jor hamara chalta nahi" 26. Bana lo use apna jo tumhe chahta ho... Khuda ki kasam badi mushkil se milte hai ye shiddat se chahne wale 27. खद ु को आसान कर रह4 हो ना ? हम पे एहसान कर रह4 हो ना ? िज़<दगी हसरत, क मªयत है ? फर भी अरमान कर रह4 हो ना ? नींद,सपने,सुकून,उमीद ? कतना नुgसान कर रह4 हो ना ?. 23 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me हम ने समझा है Zयार, पर तम ु तो ? जान-पहचान कर रह4 हो ना ?............ 28. hai berukhi ki aaj hum ne inteha "****", hum pe nazar padi to wo mehfil se uth gaye... 29. agar dil me tasvir hoti to haatho se likha na jata ............. jinki tasvir aankho me bas jati ahi vohi shyar ban jate hai ! 30. 9दल क ब+ती म लगी आग बुझा दे कोई , वना/ मुझको कसी गंगा का पता दे कोई | मुझ को इक शस तसPवुर म (मला करता है , मेर4 वा9हश है मुझे उससे (मला दे कोई..| 31. बाह« म¬ तम ु जो चाहो, हरपल ह4 उनके झूलो तन क है चाहत तो फर, मन को तम ु पहले छू लो 32. Phir usi chand say rishta bana baithe, Phir usi saadgi say fareb kha baithe, Pathron se they taalukaat hamare, Phir bhee sheeshe k ghar bana baithe 38. din me tumahra intjar aur raat me tumhe yaad krte h, ek najar aasman pr aur kk raste pr rkhte h... k kb sitare bdle meri tqdeer k,aur tum aao... qk hmne suna h tum neend me chlte ho, yhi ek wjh h hum raat me jgte h............. 39. insaaf aur tasveer me ek fark hai "fitrat" ka ek badalti nahi aur ek badal jati hai .....! 40. जाने कब मेरे थके िज+म क जागे क़+मत जाने कब यार तेरे लस का जाद ू जागे सोचता हूँ म' यह4 जागते त<हा जानाँ रतजगा कैसा हो गर साथ मेरे तू जागे. 41. Agar tughe apni khoobsurati ka sabab dekhna hai to band kamre me aakar mera chehra dekh le....... teri tasveer laga rakhi hai roj khush rehne k liye! Dharmender Sharma 33. पहल4 बार नज़र, ने चाँद बोलते दे खा हम जवाब gया दे ते खो गये सवाल, मे 1. कभी त+वीर से Hनकल कर आओ तो जानूं मेर4 आँख के तारे अब न दे ख पाओगे दो घडी पास बैठो सन ु ो हाल-ए-9दल तो मानूं रात के मुसाफ़र थे खो गये उजाल, म फ़क़त मु+कुराने से त+वीर म gया होता है , आंसू क आग अपने बोसे से बुझाओ तो जानूं 34. मौन भाषा दय क उ<ह gय, छुए ? जो समझते नयन का इशारा नह4ं............... 2. कुछ इस अदा से कया िज[ मेरा भर4 महफ़ल म , त+वीर अलफ़ाज़ से बनी पर ज$ब 9दल म हो गयी 35. Sirf isi shauq mein pochi hain hazaron baaten......! main tera husn, tery husn e bayan tak dekhun.....! 3. तेर4 त+वीर से नह4ं मह ु \बत हमको, 36. बाद उसके न तम ु कुछ कहना 4. त+वीर को दे खकर ह4 तो लोग गkचा खा जाते ह', एक बार जब तम ु सच कहना खामो(शयाँ यंू तो सब बयाँ कर गई पर अkछा नह4ं लगा तेरा चप ु रहना by Amit Harsh .amit ji ab to aajaou!? 37. Mohabbat, Adawat, Wafa, Berukhi Kiraye Ke Ghar The Badlate Rahe Suna Hai Unhe Bhi Hawa Lag Gai Hawaon Ke Rukh Jo Badlate Rahe 9दल म जगह द4 तो हम चले आये. सु<दर सा 9दखे फल, हो भले कkचा खा जाते ह'. 5. तेर4 त+वीर, तेरे टूटे हुए बाल, को संभाले रखा है , तेरे हर लज़ को 9दल के कोन, म सजा के रखा है , तू मु+कुरा दे तो सुबह का इXम आँख, पर हो, खोल दे जुXफ को तो लगे चाँद रात को बुला रखा है . 6. सन ु ा तो था क त+वीर झूठ नह4ं बोलती, आज त ु हे दे खा तो सच से यकन उठ गया 24 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me ह4 रहते ह' 7. इXम क हद से जब पर गुज़र जाते ह', यह बात जरा द4वानी है जो हमको त ु ह सन ु ानी ह' इxक के फर सारे बुखार उतर जाते ह' िजसे सन ु के भी हर कोई अनजान ह' शायद यह4 पार जब भी करना पड़े दरया-ए-इxक खामो(शय, क जुबां है , कxती-ए-त+वीर (लए पार उतर जाते ह' माना मुिxकल इज़हार होता ह' न कहो तो 9दल बेकरार होता है 8. बदलेगी ये त+वीर तो अब हालात के ह4 साथ, इसम भी तो लु3फ़-इ-इxक ह' इसम भी शा(मल जानगे और हम त ु हे , मुलाकात के ह4 साथ ! Zयार होता है रखना ज़हन म चेहरे क Hनशानी कम से कम, मुझे भी तम ु से बात वह4 दोहरानी ह' साथ त ु हारा डर है चल4 न जाओ कसी अजनबी के साथ! मेर4 िजंदगानी ह' कैसे कहूँ येह4 सोचके 9दल परे शान ह' शायद यह4 9. महफ़ल इस कदर जमी दो लज़ भी कताब हो खामो(शय, क जुबां ह' गए, 9दल के अंधेर, म दबे वो जम भी माहताब हो गए ता-उ िजसे समझते रहे नफरत के कांटे हम 3. कुछ उमीद ,कुछ सपने और कुछ अरमान है , Zयार ने मुझे छु (लया है कुछ ऐसा गम ु ान ह', 'अ(मत', त ु हारे बोल, से दे खो वो आज कैसे गुलाब हो गए आसमान के श< ू य म कोई 9दखाई दे ता है , त<हाई ख़ामोशी म कोई सन ु ाई दे ता है , पहले ऐसा कभी भी नह4ं होता था मगर , आज-कल अgसर जैसे सब नया 9दखाई दे ता ह', Dhriti Srivastava 1. रं ग, और खश ु बू से भरा हुआ सारा आसमान ह', मेरे 9दल पे आकार तम ु छा गए हो , त<हा था म' Zयार ने मुझे छु (लया है कुछ ऐसा गम ु ान ह', और तम ु आ गए हो , मुझे खुद से ह4 (मलवा रहे हो , वो सच लगता ह' जो शब ्-ऐ-अमावस म' भी कोई नूर Dबखराता है , 9दल ने कहा ह' , म' द4वाना हूँ या सच म' चाँद मु+कुराता है . हाँ तम ु वह4 हो िजसे 9दल ढूँढता है जैसे घटाय हो गयी है सार4 सुरमई , उमीद, को बस सहर (मल गयी है , मुरझाई सी बाLरश होती है तो संगीत सा बज जाता है , एक कल4 hखल गयी है इxक है या यह होश खोने क पहचान है , खु(शयाँ जो पायी ह' Dबलकुल नयी ह', पल भर म Zयार ने मुझे छु (लया है कुछ ऐसा गम ु ान ह', गम सारे 9दल भूलता ह' हाँ तम ु वह4 हो िजसे 9दल ढूँढता ह' 4. Zयार ने मझ ु े छु (लया है कुछ ऐसा गम ु ान ह'," ऐ काश ये पल गुजरने ना पाएं , यह महक ये खश ु बू Dबखरने न पाएं ये पल है स9दय, म' हमने पाएं ,एक वाब सच बनके जाग उठा है हाँ तम ु वह4 हो िजसे 9दल ढूँढता ह' 2. कुछ उमीद ,कुछ सपने और कुछ अरमान है , 5. उस लड़क क आँख, म' अपनापन झलकता है , मासू(मयत का जाम है, जो हर नज़र म छलकता है , उन आँख, क म+ती म' एक नया ह4 मौसम है , 9दल जो सन ु रहा ह', वो दा+तान gया ह'., शोले के रं ग म' (लपट4 जैसे कोई शबनम है म' खश ु भी हूँ ,है रान भी, शायद यह4 खामो(शय, क उसको दे ख लूं तो फर और कहाँ कुछ 9दखता है , जब ु ां ह' , मासू(मयत का जाम है, जो हर नज़र म छलकता द4वाने जो कह जाते है , द4वाने समझ लेते ह' , है , बात ये सरे महफ़ल भी हो तो अनजाने अनजान मु+कुरा के दे खे जहां, फजा हसीन हो जाए, 25 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me उसके नरू को दे खे ,चाँद सरू ज खो जाए 6. उसको दे ख (लया म'ने, अब चाँद भी फका लगता ह', chalo aj zindagi ke uss mod par wapas chale …. jaha har cheez haseen thi aur hum tum ajnabee…....... मासू(मयत का जाम है, जो हर नज़र म छलकता है 6. gया कहूँ म' gया नह4 वो मेरा हुआ नह4 GPS Malhotra िज़<दगी जीया करो यह कोई बला नह4 9दल म है लाख लाख पर लब पर कोई सदा नह4 1. agar ruk jaayen meri saansen toh ise mout na samajhnaa.... kai baar aisa hua hai..tujhe yaad kartekarte.... 2. thakan, tootan, udaasi, oob, tanhaayi, adhoorapan.... tumhaari yaad ke sang itna lamba kaarwaan kyun hai.... 3. chehraa badal-badal kar mujh se mil rahe hain log.... itna badaa fareb..meri saadgi ke saath.... 4. jo mazaa barsaat ka chaao toh inn aankhon main aa baitho.... woh barson main barasti hai..ye barson se barasti hain.... 5. koi achchi si sazaa do mujhko.... chalo aisa karo..bhula do mujhko.... tumse bichad kar mout aa jaaye.... dil ki gahraayi se aisi dua do mujhko.... सब का हुआ मै मगर अgस भी मेरा नह4 क है उस ने 9दXलगी इxक तो कया नह4 मज़/ ला-इलाज यह दद/ क दवा नह4 प3थर Sपघल गए कुछ असर उनपर हुआ नह4 9दन वह4 है रात भी पर अब वो शमां नह4 जो (मला नसीब से अब कोई ^गला नह4 Dr Kumud Tiwary 1. Tasveer ko tere dill me kuch aise basa rakhkha hai, jaise tute hue mandir me ek diya jala rakha hai. …….. Kumud Geetanjli Arora 1. 2. is qadar keemti to na tha mera chain-osukoon.. loot ker lay gaya wo kisi anmol khazaney ki tarah..!... Gunjan Patel 1. तेरे ह4 बंदे तेरे ह4 सामने रोते हे कसी और के mai dekhta raha usko jaata hua jo laut k aane ka waada karke gaya tha....... 3. na jane kon si manzil ka rastaa hu main. jo har paon mujhe rondhte hue nikle........ 4. main ek khilona hoon “mohsin”, aur wo us bachay ki maanind jisay pyar to hai mujhse magar khelne ki hadd tak मोह\बत भी तन ू े कैसी शै बनायी ए खुदा, (लये Gurmeet Singh 1. कसी ने बनाई त+वीर खुदा क ... हम ने त+वीर यार क बना ल4 .... 5. mohabbaton se jaane kyun yaqeen ab to uth sa chala hai wafa bhi khaye kasam jiski, mujhe us wafa ki talash hai !!!!........ लोग दं द ू ते है फर भी खुदा को .... हम ने खुदाई 9दल म बसा ल4 .....!!!!!!! kisi ne banai tasweer khudha ki ... hum ne tasweer yaar ki bana li.... 26 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 2. log doondte hai fir bhi khudha ko.... hum ne khudai dil me basa li.....!!!!!!! है फ यक तरफा इxक ये आग लगी तो यहाँ लगी बादल, का सीना चीर कर ... नह4ं त+वीर जो उबर4 मेरे यार क ..... ………… हष/द दामन जला तो मेरा जला उनका जला कुछ भी इंतज़ार है 9दल म लगी आग को ... * यक तरफा = एक तरफा उस का घटा बन के बरसने का ....!!!!!!! badlo,n ka seena cheer kar... tasveer jo ubri mere yaar ki..... intzaar hai dil me lagi aag ko ... us ka ghata ban ke barsne ka.....!!!!!!! 3. 5. हमे फरागत जो समजते है चादर समजकर हमे तान लेते है जब जब उब जाते है समेट लेते है …… हष/द लापता है वोह त+वीर ... उस 9दन से मेरे 9दल म .... hum unki harqt pe hasate hai hume Faraagat jo smajate hai chadar samjkar hume taan lete hai jab jab ub jate hai samet lete hai …… harshad िजस 9दन मेर4 ऑ ंख घटा बन के ... बरसी थी उस क बेवफाई पर .....!!!!!!! 4. हम उनक हरकत पे हँ सते है कागज़ पे खींच द4 म'ने कुछ लकर ... लोगो ने मुझे ^चतरकार समज (लया .....!!!!!!! * फरागत faraagat=time pass Gyanendra Shukla 6. यकं सा होता है रौशनी से भी कभी (मलती राते है पूछा gया लाये है आप है रत हुई उनके जवाब से 1. त+वीर जो तेर4 9दल म बसा रखी है यह मध°म चाँद त ु हारा है यह (सतारे तौहफे है दो+त, हमने तो इस नासूर क भी दवा रखी है ... उन दवाओं का कहर gया कुछ कम था ज़ा(लम तन ु े तो मेर4 लाश सजा रखी है ..... कतनी नजाकत है उनक कतनी नाज़क ु बाते है 7. बहोत रोये मुजे छोड़कर रोये 9दन ओ रात ओ उभर रोये अxक के आखर4 कतरे तक रोये 2. त+वीर जो तेर4 9दल म बसा रखी है , अबतो अपनी ह4 जान पे आ रखी फर 9दल अपना Hनचोड़कर रोये अब तो हर शाम 9ह¯ से कायम है , हमने कायनात थक आँखे तो जरा सा थमकर 9हला रखी है .... फर एक बार अxक पोछकर रोये रोने से न फर उ<ह पाएंगे हम याद ये आया तो इस बात पर रोये gयूँ कोई रोया हमारे Zयार क खाHतर Harshadkumar Somaiya .. हम भी गबराए हुए ये सोचकर रोये ..... हष/द 2. मुज़ से (मलकर WबW उ<ह हया खूब आती है वो बेहया शबो रोज़ मेर4 त+वीर गले लगाती है 8. 3. आज म' आसमानी गुनाह कर के आया हु त+वीर ए यार के (लए शफक चुरा लाया हूँ 4. मेर4 जब ु ां मेर4 सदां मेर4 इXतेजा कुछ भी नह4ं उनक ख़श ु ी मेर4 दआ ु उनक दआ ु कुछ भी नह4ं 27 एक कतरा आँख से ^गरा था वरना म कब रोया था उसने जब मेरा साथ छोड़ा था वरना म' कब रोया था त<हा त<हा रोना वरना मोह\बत क होती है क+मत आज साथ म वो भी रोया था वरना म' कब रोया था Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me सब ु ह सब ु ह ये गम का आलम gयँू है मेर4 आँखे तम ु सा कोई और हसीं बताओ तो सह4 नम अgश मेरा डूबा है कसर ए ज़X ु मत म Dब+तर म एक सपना खोया था वरना म' कब रोया मेहरबाँ च+म ए चरागाँ जलाओ तो सह4 था हम त ु हे ह,शमंद4 से याद रख गे हं सते गूल हसते बूलबूल थे म' भी तो था खश ु खश ु तम ु भूल से हमे कभी भुलाओ तो सह4 ऐसा एक गुलशन उजड़ा था वरना म' कब रोया था .... हष/द कल कुछ ऐसी बाते Hनकल4 यादो क बाराते * ROOKH =chehra Hनकल4 * khwahisho se palat jana=ichchhao se door chale jana Dबसर4 बातो का दौर चला था वरना म' कब रोया था 9. .... हष/द * aksh =astitav म' सन ु ाऊ गीत तम ु Zयार से सन ु ा करो * chashm e charaagaaN =nayan ke deepak अहल ऐ दHु नया को अभी अनदे खा करो * hoshmandi = sambhal ke,dhyaan se * qasar e zulmat=andhero ka mahal फर म' बना लू त+वीर बेहद बे नजीर कुछ लहे मुज़ को Zयार से सोचा करो बे नरू लज, को बीनाई ए हु+न बgश दो 13. हर त+वीर म तेर4 त+वीर नज़र आती है तु याल बनकर रोज मेरे घर आती है मेर4 ग़ज़ल के वा+ते Iख तो बेपदा/ करो ..... हष/द * अहल ऐ दHु नया =दHु नयावाले * बे नज़र =Hनराल4,सब से अलग * बे नूर =तेजह4न * Dबनाई ए हु+न = स±दय/ का Gकाश ,तेज 10. अपन, खयालो म बसाकर त ु हे दद/ ए त<हाई क खुद दवा क है " 11. श\बो रोज़ नया ज़म नया मरहम कहाँ से लाऊ रोइ आँखे सूख/ है अब च+म ए नम कहाँ से लाऊ म' जानता हूँ मेर4 ख़श ु ी से दख ु ी तेर4 है िज<दगी तुजे करार आये वो उदासी ओ गम कहाँ से लाऊ द4दार ए यार ए तम<ना होती रह4 है बार बार ह±सला ए 9दल तो है ह±सला ए कदम कहाँ से लाऊ जी चाहता है मेर4 वफ़ा बनी रहे बेवफा से उ भर म' फ़Lरxता तो नह4ं हूँ वो दै र पा भरम कहाँ से लाऊ म' आखर4 कसम खा लू म' वाकई उ<ह भल ू जाऊ कसम तो खा लू मगर जठ ू y कसम कहाँ से लाऊ .... हष/द 12. मेरा खोया चाँद लौटाओ तो सह4 अपने Wख से पदा/ हटाओ तो सह4 म' अपनी वा9हस, से पलट जाउं गा 28 Himanshu Sharma 1. ये कैसा चाहत, का (सल(सला है ,उसे न कोई (शकायत न कोई ^गला है .... िज़<दगी कस मोड़ पर ले आई है हमे , न उसको पाने क उमीद है , न खोने का हौसला है ..!! 2. कतना बेबस है इंसान क+मत के आगे , हर सपना टूट जाता है हकक़त के आगे ..! िजसने कभी झुकना नह4ं सीखा दHु नया म , वो भी झक ु जाता है मोह\बत के आगे ...!! 3. उनके द4दार क तम<ना बाक है , उनका हाथ थामने क हककत बाक है ...! मर तो रोज़ ह4 रहे ह' उनक याद, म , बस एक सांस टूटना बाक है ......!! 4. कसी मुकाम पे डरना मुझे नह4 आता , कदम कदम पे Dबखरना मुझे नह4ं आता ...! मेर4 दो+ती का द+तूर है वफादार4 (मला के हाथ मुकरना मुझे नह4ं आता ....!! 5. कभी - कभी 9दल ज़Wर रोता है , जब कोई (मलकर नज़र, से दरू होता है ...! Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me इस(लए रोती ह' कमबत आँख , gय,क 9दल से यादा इनका कसरू होता है ...!! 14. इस दHु नया से चले जाने के बाद , हम त ु हे हर एक तारे म नज़र आया कर गे ... 6. कसी न कसी पर ऐतबार हो जाता है , अजनबी तम ु हर पल कोई दआ ु मांग लेना , और हम हर बार शस से Zयार हो जाता है ...! खूDबय, से नह4ं होती मोह\बत सदा , क(मय, से भी अgसर Zयार हो जाता है ...!! टूट जाया कर गे ......!! 15. Zयार श\द, का मोहताज़ नह4ं होता , 9दल म हर कसी का राज़ नह4ं होता ..! 7. िज़<दगी हर पल ढलती है , जैसे रे त म² ु ी से gय, इंतज़ार करते ह' सभी Valentine Day का , gया साल का हर 9दन Zयार का हकदार नह4ं होता ..!! फसलती है .. कतने भी गम ह, हर हाल म हँ सते रहना , gय,क .. ये िज़<दगी ठोकर, से ह4 संभलती है ..........! 16. हर महफ़ल हर 9दल भी रोयेगा , जहाँ डूबेगी मेर4 कxती वो समंदर भी रोयेगा ...! 8. रा+ते ऐसे ह, जो चलने को मजबूर कर , महकाने इतना Zयार Dबखेर द गे ज़माने म हम, क क़3ल ऐसे ह, जो पीने को मजबूर करे ..! जब मौत का दामन थामना चाहे कोई , तो दो+त ऐसा हो जो जीने को मजबूर करे ..!! करके मेरा काHतल भी रोयेगा ....!! 17. जो सफ़र क शुIवात करते ह' वह4 मंिजल को ³ार करते ह' ... 9. खुल के 9दल से (मलो तो सजा दे ते ह' लोग , सkचे बस एक बार चलने का हौसला रhखये , अkछे इंसान, का तो रा+ते भी इंतज़ार करते ह' ...!!1 ज़बात भी ठुकरा दे ते ह' लोग ..! gया दे खगे दो इंसान, का (मलना , बैठे हुए दो पLरंद, को भी उड़ा दे ते ह' लोग ......!! 10. खर4द सकते उ<ह तो अपनी िज़<दगी बेच कर भी खर4द लेते ... ³र कुछ लोग कमत से नह4ं क+मत से (मला करते ह' .....!! 11. 9हचकचाते हुए (मले थे िजन दो+त, से फेस बुक म , gया पता था वह4 िज़<दगी के मायने बन जायगे ... कुछ याद रहे न रहे िज़<दगी म , पर फेस बुक के ये Indu Singh 1. iss kadar chalakte hai aansu... palkon pe chupa nahi sakta... mere kadam rokte hai mujhko... uske dar pe ja nahi sakta... najane kiski galti thi... koi rooth gaya tha humse... aaj use manane ki khwahish hai... par majboor hu itna ke mana nahi sakta... 2. ya pata tha hayaat meri maikhane se gujregi kabhi, dard-e-tanhai mein jam-e-sharab pyass bujhati rahi, marhale ishq-e-muhobatt ke nashaakashi mein pi gaye, hai chashm-egunahagaar dasht-e-tanhai manzil meri ganwati rahi, mili tou woh aise ke ek ajnabee mehfil se uthi, har makaam par unki nafrat se nigahe humse churati rahi, woh kya samjhee barbaad-e-muhobat ki dua .............. 3. iss kadar chalakte hai aansu... palkon pe chupa nahi sakta... mere kadam rokte hai mujhko... uske dar pe ja nahi sakta... najane kiski galti thi... दो+त हमेशा याद आयगे ...!! 12. हमारे जीने का एक अलग अंदाज़ है , एक आँख म आंसू तो दस ू र4 म वाब है ... टूटे हुए वाब, पे कुछ अxक बहा लेते ह' , तो दस ू र4 आँख म फर वाब सजा लेते ह' ...!! 13. हर इंसान 9दल का बुरा नह4ं होता , हर उठा हुआ हाथ दआ ु का नह4ं होता ..... बुझ जाते ह' द4ये अgसर अपनी गलHतय, से , हर बार कसरू हवा का नह4ं होता ...!! 29 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 4. koi rooth gaya tha humse... aaj use manane ki khwahish hai... par majboor hu itna ke mana nahi sakta... 15. ये और बात क पहचानता नह4ं है मझ ु े yahi kaante to kuchh khuddar hain in gulistanon me, jo shabnam ke liye hath failya nahi karte.... 16. अधूरे वाब से उकता के िजसको छोड़ 9दया सन ु ा है एक (सतमगर मेर4 तलाश म है (शकन नसीब वो Dब+तर मेर4 तलाश म है 17. ये मेरे घर क उदासी है और कुछ भी नह4ं 5. 6. dikhawe ki mohabbat se behtar hai ke nafrat hi karo humse, hum sacche jazbaaton ki badi kadar karte hain....... is raat ne, sitaron ne ek nai duniya dikhai, us duniya mein bhi tera chehra hi dikha, aaj bhi mita na sake us tasvir ko dil se, jo teri chahat mein is dil mein thi basayi, tum to chale gaye, bhul jao humein keh kar, tere jane ke baad bhi ye aankhe tujhe bhul na............ 7. ik tera naam kya likha tha sahil ki ret par, fir umar bhar hawa se meri dushmani rahi... 8. humne thodi si jagah mangi thi uske dil me musafiron ki tarah...!! usne to ek gumnaam shahar he mere naam kar diya..!! 9. muhobat ke bhi kuch andaj hote hai, agti nkho ke bhi kuch khwab hote hai, jaruri nahi ke gam me hi ansu nikle, muskurati ankho me bhi sailab hote hai. 10. khuda ne jab dard ka farman likha hoga... mere naseeb me tera hi naam likha hoga 11. barso se meri kabr ki mitti nahi sukhi....... us bewafa ki aankho k aansu koi roko... 12. kahi ummeed kahi daag-e-wafa chhod jaayenge.... jis raah se niklenge ada chhod jaayenge............... duniya mujhe dhundhegi har ek lafz me tere......... hontho pe tere itni gazzal chhod jayenge.............. 13. उसे गंवा के म' जीSवत हूँ इस तरह मोह(सन क जैसे तेज हवा म ^चराग जलता है 14. बस एक व¡त का मंज़र मेर4 तलाश म है जो रोज़ भेस बदलकर मंज़र मेर4 तलाश म है 30 9दया जलाये जो दर पर मेर4 तलाश म है 18. मै िजसके हाथ म एक फूल दे के आया था उसी के हाथ का प3थर मेर4 तलाश म है 19. raat fir mujhse rahi neend khafa der tak..!! yaad tum aate rahe der tak..!! dasht-e-tanhayee me ashqo ka sahara lekar..!! maine mangi tere milne ki dua der tak..!! 20. is waste damaa chak kiya shayad ye junu kaam aa jaye... dewana samajhkar hi unke hontho pe mera naam aa jaye.... ae kaash hamari kismat me aisi bhi koi sham aa jaye... ek chand falak par nikala ho ek chand lab-ebaam aa jaye.... 21. zaruru tu nahi jo khushi de usi say muhabbat ho pyar to aksar dil tornay walon se b ho jata ha.. 22. woh ek dost jo khuda sa lagta hai, bahut pass hai dil ke phir bhi juda sa lagta hai, bahut dino se aaya nahi koi paigam uska, shayad kisi baat pe khafa sa lagta hai. 23. wo yaron ki mehfil wo muskrate pal, dilse juda hai apna bita hua kal kabhi guzarti thi zindgi waqt bitane me, ab waqt guzar jata hai chand kagaz k note kamane me… 24. abhi tak yaad hai unka mujhe chupchaap se milna .... mai ab ye sochta hun kisse milte honge wo chupkar .... mera to zakhmi kar diya hai khilone ki tarah dil .... na jaane kisko satate hai ab dil me jagah dekar .... Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 25. fursat-e-kaar faqat chaar ghadi hai yaaro ye na socho ke abhii umr padii hai yaaro apane taariik makaanose to baahar jhaako zindagii shammaa liye dar pe khadi hai yaaro jab bhii chaahenge zamaane ko badal dalenge sirf kehne ke liye baat badi hai yaaro.. 26. bin us k zindagi dard-e-tanhai hai, meri aankhon mai q mout simat i hai, kehtay hain log ishq ko ibadat yaro,… ibadat mai phr q itni ruswai hai, 27. hum zindagi se aas kare bhi to kya kare, jab tum nahi ho paas, kare bhi to kya kare. aansu piye, sharaab piye, zeher bhi to pi liya, bujhti nahi hai pyaas, kare bhi to kya kare… 28. aap ki badd-dua bhi dua bann k lagi, aapke har gham ne bhi sukoon diya, hum zinda hai toh yeh jaankar k pyaar se na sahi par, aapne hume yaad toh kiya… 29. लोग कहते ह' ज़मीं पर कसी को खुदा नह4ं मीलता शायद उन लोग, को दो+त कोई तम ु -सा नह4ं (मलता 30. क+मतवाल, को ह4 milti है पनाह कसी के dil म यूं हर श©स को तो ज<नत का पता नह4ं milta 31. अपने साय से भी ज़यादा यकं है मुझे तम ु पर अंधेर, म तम ु तो mil जाते हो, साया नह4ं milta 32. इस बेवफ़ा zindagi से शायद मझ ु े इतनी मोह\बत ना होती अगर इस िज़ंदगी म दो+त कोई तुम जैसा नह4ं milta 33. unhe yeh shikayat hai humse ki, hum har kissi ko dekh kar muskurate hain, nashamjh hain woh kya jane, hame to har chehre main woh hi nazr ate hain. 34. roz kii taraah aaj bhii taare subha kii gard mein naa kho jaayein aa ! tere gham mein jaagtii aankhein kam se kam aik raat so jaayein 35. woh roye to muh mod ke roye, koi mazburi hogi jo dil tod ke roye, 31 mere samne tukde kar diye meri tasveer ke, baad mein pata chala ke unhe jod ke roye. 36. har khari baat par tum tokte reh jaoge. jab main bolunga mujhe rokte reh jaoge. main wo suraj hu jo chamkunga zamane bhar me, tum wo zarra ho mujhe dekhte reh jaoge. main wo nahi jisko dhundh lo aasani se, meri galiyon ka pata puchhte reh jaoge. khushboo shohrat ki kabhi rokne se nahi rukti, jab ye failegi to fir sochte reh jaoge... aaj jee bhar ke mujhe dekhlo duniya walo, kal chhupa legi zamin dhundhte reh jaoge. 37. khanjar se karo waar na talwaar se poocho main qatal hua kesay mere yaar se pooch 38. zindagi ko yun hi jee lete hain ghamo ko yun hi see lete hain mila lete hain hum jinse dosti ka haat unn haathon se phir zeher bhi pee lete hain 39. bhigi hui aankhon ka ye manzar na milega ghar chhod ke mat jao kahin ghar na milega phir yaad bahut ayegi zulfon ki ghani shaam jab dhoop mein saya koi sar par na milega aansu ko kabhi os ka qatra na samjhna aisa tumhen chahat ka samandar na milega is khwab ke maahol mein bekhwab hein aankhen jab neend bahut ayegi bistar na milega ye soch lo ab akhiri saya hai mohabbat is dar se uthoge to koi dar na milega 40. ye duubate taaron ki khaamosh ghazal_khvaani ye waqt ki palkon par soti hui viiraani jazbaat-e-muhabbat ki ye aakhiri angdai bajati hui har jaanib ye maut ki shahanai 41. sab tum ko bulaate hain pal bhar ko tum aa jaao band hoti meri aa.nkhon mein muhabbat kaa ik khvaab sajaa jaao 42. gamonme bhi muskurana chahta hun main, tumhe bhulakar nayi duniya basana chahta hun main, magar na jane queen nikal aate hai aansu jab bhi tumhe bhulana chahta hoon main… 43. jab beete hue lamhon se mulaaqat hui. kucch toote hue sapno se baat hui. yaad jo karne baithe un tamaam lamhon ko , to aapki yaadon se shuruaat hui…. Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 44. sard mausam ka mazaaj kitna alag sa hay taveel raat main intazaar kitna alag sa hay dhund bani naqab, aur chupa lia sitaron ko bink unke tanhaai ka ab ihsas kitna alag sa hay 53. zindagi ka raaz tanhai se paa liya, jiska bhi mila gum apna bana liya, jab koi na mila mera gum sunne ko to rakha samne aeina or khud ko hi suna liya…. 45. shikayat hai aapse dil ki hamari, kya ab yaad nhi aati aapko hamari, bhul hi gaye hamein shayad aap, ya fir aap yaad karte the ye galatfaemi thi hamari…. 54. uski judayi kab tak sahoon main yarab, ya mujhe sabr dede, ya mujhe didaar dede. bahut mushkil lagta hai uske bagair jeena, ya mujhe maut dede ya mujhe mera yaar dede.. 46. mujhe uske pehlu me aashiyana na mila uski julfo ki chanv me thikana na mila kah diya usne bewafa mujhe ek din jab mujhe chhod kar jaane ka usse koi bahana na mila 55. bhigi palkon ke sath aankhen nam thi. zindagi unse shuru unhi pe khatam thi. wo ruthkar door chale gaye humse, unhe laga shayad hume unse mohabbat kam thi... 47. lipta hai mere dil se kisi raaz ki surat wo shakhs ke jis ko mera hona bhi nahi hai yeh ishq-o-mohabbat ki riwayat bhi ajab hai paana bhi nahi hai, usse khona bhi nahi ha 56. haath zakhmi huye to kuchh apni hi galti thi, lakiron ko mitana chaha tha kisi ko pane ke liye.. 48. ai pareesha'n aaj kal sari khudayi dekhiye ek paye par tiki hai charpayi dekhiye doodh par aati hai kyun moti malayi dekhiye hath aayi muft main ye parsayi dekhiye khushk sali ke sabab jo khushk nale ho gaye doodh wale shehar ke imaan wale ho gaye – 49. dil ki nahi jaan ki jarurat ho tum zami ki nahi aasmaan ki inayat ho tum aur ab hum kya aapki tareef kare husn ki nahi kayamat ki murat ho tum… 50. apke deedar ko nikal aaye hai taare aapki khushboo se chha gayi hai bahare apke saath dikhte hai kuch aise nazare ki chhup chhup ke chand bhi bas aaphi ko nihare.. 51. कि+तयां डूब जाती ह'..जब तूफान चले आते ह'... (सफ/ याद रह जाती ह'..जब इ<सान चले जाते ह'.. 52. na uske nwazne me koi kmi hai na mere mangne me koi kmi thi fir ye kya hua jo mai aaj b khali daman hu sochti hu to ek hi wjh samne aati hai ki shayd meri duayen us tak na jakr meri hi hateliyon me kahin thahar gai 32 57. ye dard ka toofan gujarta kyun nahi.? dil toot gaya hai to bikharta kyun nahi.? ek hi shakhs ko chahta hai kyun itna, zalim koi doosra is dil me utarta kyun nahi.??? 58. aaj himmat karke maine puch hi liya neha...... bata tujhe mujhse jyada koun chahega................ wo hanse aur muskurakar bol pade mujhse......... tere baad ab dil me na koi aur aayega................ :) 59. kaho wo raah kaisi thi... jidhar khwaab luta aaye, jidhar aankhen gawa aaye... kaha mene wo shayad sailaab jaisa tha, bahut chaha k bach k nikalen mgar sb kuch baha aaye... kaho wo lamhe kaise they... jo uske bin gujare they... kaha mene bs aag jaisa tha, hm apni rooh tk jla aaye... kaho... Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me तेर4 त+वीर जैसे मेर4 Wह का सक ु ू न, Jyoti Julka ji... 1. िजस 9दन से त+वीर तेर4,इस 9दल म बसा ल4 है , मेरा हर 9दन ईद,मेर4 हर रात 9दवाल4 है , तेरा ह4 नाम इस तरह समाया है 9दल म, दHु नया ये कहती है मझ ु ,े "ये तो मतवाल4 है " 2. उसक त+वीर लगाई थी 9दल म , न जाने gया सोच के रख द4 सरे महफ़ल म . यहाँ तो हर शस उसे चाहने वाला Hनकला, सब के मह ु से Hनकला......मेर4 wali. 3. मेर4 इन आँख, म (लखा gया है .... जरा मड ु के तो दे ख,मेर4 तम<ना gया है , तेर4 त+वीर (लए फरते ह' 9दल म , मेरे हाथो म तेरे नाम क ह4 9हना है ... 4. तेरे एक इशारे पे बहार आती है , तेर4 बदले जो नज़र दHु नया बदल जाती है , इस त+वीर क तरह रं ग न बदलना तू भी, तेरे कदमो म खुदाई भी पनाह pati है ... 5. बीत गया 9दन,बीती रजनी... बीत नह4ं पाई ह' लेकन, घडी त ु हारे इंतज़ार क... त+वीर तेर4 सीने से लगाये फरते ह'. 6. तेर4 त+वीर 9दल म हम यु छुपा गए, जैसे कोई सीप म मोती समां गए, 7. कुछ आपके अ<ाज़ थे जो हम को भा गए, चुपके से 9दल म Zयार क एक लौ जला गए, वो Zयार मह ु \बत भर4 कसमे,वो वायदे , सब कुछ था जैसे वाब जो पल म भुला गए. 8. नज़र उनक,जब ु ान उनक.... ताजब ु है कइस पर भी .. तझ ु से (मलना क जैसे सपने बीते ज़माने के.. 10. भर गया है जीवन मधु से,आपका हाथ मेरे हाथो से टकराया है , हर त+वीर अब बुर4 लगती है ,आपका चेहरा आँख, म समाया है , गुज़र जाती िज<दगी मेर4 कैसे भी,साथ आपका (मला तो जीने का लु3फ़ आया है .. 11. उमीद छोड़ दे ने क आदत नह4ं मुझ,े बदला कसी से लेने क आदत नह4ं मुझ,े ye तो तेर4 त+वीर ne neeyat मेर4 बदल डाल4, वरना कसी को साथ लेके चलने क आदत नह4ं मझ ु .े 12. तेर4 त+वीर म एक बात खास है , तेर4 तरह ये मुझसे नज़रे नह4ं ferti 13. आगाज़ तो होता है ,अंजाम नह4ं होता, जब मेर4 दआ ु ओं म तेरा नाम नह4ं होता, इस त+वीर क तरह मुझे भी अपने 9दल म बसाये रखना, एक मेरे न होने से सफ़र तमाम नह4ं होता..... शभ ु राD_ दो+त,......शब ् इ खैर..... 14. bahut baar socha hai... tumhari ek tasweer utaru.. thik waisi,jaisa man ki ankho se tumhe dekha hai.. lekin tumhari har chhavi.. pal pal me badalti hai.. kahan se laun wah camera, jo tumhare sare rango ko ek sath samet le, kaise banaun tumhari mukammal tasweer, adhuri hi to rahegi na.... bahut baar socha hai???? 15. meri ek chhoti si ichha tujhe pane ke liye, ban gayi hai masla pure zamane ke liye नज़र कुछ और कहती है ... जुबान कुछ और कहती है . 9. बरसती बुँदे,तेरे Zयार का होता है गम ु ान, गरजते बादल,क जैसे नxतर ज़माने के.. 33 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me Kaushlendra Mahor 1. 2. 3. 4. 5. seene se lga to lbg jati h seene se, tumse to khi achi tasbeer tumari h mene 1 bar teri 1 jhalak dekhi h, meri hasrat h ki fir tera didar karun, tere saye ko samjh kar me hasin tajmahal, chandni rat me nzron se tujhe pyar karun kuda ne jab tumhe bnaya hoga...,hzaro sal dekha hoga lakhon sal nihara hoga fir socha hoga tumhe swarg me rakh lun,fir use mera khyal aaya hoga..... hasrat h sirf tumhe pane ki or koi khwahish nhi is diwane ki... sikwa mujhe tumse nhi us kuda se jisne tumhe itna khubsurat bnaya kyun..... na kuda dil bnata na kisi se pyar hota,na kisi ki yad aati na kisi ka intjar hota,dil diya h ise sanbhal kar rkhna,kanch ka bna h pathar se dur rkhna..... Kuldeep Sharma 1. तू आये ना आये ..गम नह4ं. तू न सह4 ..तेर4 त+वीर ह4 सह4 हर वgत रहता था तेरा इंतज़ार मुझे अब तू हर वgत मेरे सामने ह4 रहती है . Manish Kumar 1. दHु नया तो मतवाल4 है लेकन हर बात Hनराल4 है त+वीर जो उनक है 9दल म तो हर रोज़ ह4 9दवाल4 है 2. आप त+वीर-इ-यार क शफक चरु ा लाये हम तो बस उनका वgत ह4 उड़ा लाये 3. मुझे पता है , बदले क आपम नह4ं है आदत 6. taras gaye aapke didar ko fir b dil aap hi ko yad karta tha h, hmse kushnaseeb to aapke ghar ka aaina h jo har roj aapka didar krta h 7. tasbeer ho gya hun tasbeer dekhkar tasbeer ho gya hun tasbeer dekhkar.. . ruh khil uthi h yar ki tagdeer dekhkar.... 8. 9. chehre pe anshuo ki lakir ban gai,jo na chaha to woh takhdeer ban gai, hamne to ret par chalai thi yun hi ungli gaur se dekha to unki tasveer ban gai.... kisi ghair ki jagir thi woh,par mere khwabo ki hasrat thi woh, mujhe milti b to kese milti kisi or ki amanat thi woh..... 10. tasbeer bnai h par akhs nhi milta ,dil ki kitab k liye koi shakhs nhi milta, firte rehte h woh jmane ki talas me par hmare liye unhe kbi wqt nhi milta.... आप म है बाला क जम ु ले क जोरदार ताकत 4. आपको ढूंडने के (लए 9दल के पास बुलाना पड़ता है मुझे उनको ढूंडने अपनी सास के पास जाना पड़ता है 5. त+वीर जो उनक 9दल म लगाई उसके बाद वो नज़र ह4 नह4ं आई 6. त+वीर आपने रं ग, म सजा रखा है गज़ब पड़ोसन मेर4 9दल से ह4 हो गयी है गायब 7. सर आप तो पुराने ^च_कार ह' बड़े पुराने जोरदार फनकार है त+वीर म भी वो नज़र आती है महफ़ल म आप ह4 कलाकार है 8. Zला+टर भले वो कमजोर था लेकन 9दल म मेरे एक चोर था त+वीर जो बसा ल4 थी 9दल म लेकन पडोसी जरा चग ु लखोर था 34 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 9. बीमार दे ख उनको यु न घबराइए चाह कर भी बदल4 नह4ं जाती मझ ु से तरु ं त एक डाgटर को 9दखाइए भले लोग, ने लाख कहा तू मेर4 Dबगड़ी हुयी नसीब और त+वीर 9दल म बसाइए है 10. Zयार तो (मलता ह4 है उनसे 3. आज फर एक अधूर4 पढ़4 कताब (मल4 बस लेने का तर4का सह4 हो कताब म न थी कोई खत न सुखी हुयी गुलाब कतना भी 9दखाएँ वो नखरे बस प<ने पलटती गयी म' मनाने का सल4का सह4 हो हर श\द म त+वीरे यार (मल4 11. मा(लक लुटाने को बची एक जान थी 4. हर त+वीर क एक अलग कहानी है इस(लए कया नह4ं ^चंता अंजाम क कोई आंधी कोई तूफ़ान कोई शांत झील का पानी है त+वीर बस बसा ल4 जो 9दल म हमने तोह पढ़ ल4 वोह आँख उनके साथ ह4 िजंदगी कुबा/न क ताउ के (लए वह4 गीता वह4 कुरान वह4 गुरबानी है 12. आपके 9दल म जो त+वीर समाया जा रहा है उसके मन म एक वाब जगाया जा रहा है 5. मझ ु े तेरा पता (मल गया आप दोन, क जोड़ी सलामत रहे मेर4 ह4 त+वीर के पीछे तेरा नाम था तहे 9दल ये दआ ु मनाया जा रहा है कभी (लख के 9दया था 9दल, के बीच ऐ मेरे काHतल वो तेरा ह4 नाम था 13. मु+कुरा के दद/ को Hछपाइए नह4ं उस दद/ का बस इलाज करवाइए िजसक त+वीर है 9दल म उनसे सर पे वनफूल तेल लगवाइए Navdeep Punia 1. मेरा अxयार दे खगे मेरा 9दल दे खने वाले। 14. इस Zयार पे हम जािजम कुबा/न करते ह' …..िजगर मुरादाबाद4 चाहत पे आपक, 9दल से सलाम करते है 15. उस मं9दर म जहाँ 9दया जला रखा है हमने वहां कुछ फुल भी चड़ा रखा है * अxयार - शे'र 2. jane kab tak teri tasveer nigahon main rahi ho gayi raat tere aks ko taktay taktay main ne phir tere tassawwur ke kisi lamhay main teri tasveer pe lab rakh diye aahista se 3. काले काले वो गेसू (शकन दर (शकन, उन त+वीर, को वह4 जगह द अगर हमने पूजा का सामान सजा रखा है Mohini Mishra 1. शाम से एक 9दया जला रखा है म'ने बड़ी मुिxकल से त ु हे भुला रखा है म'ने 2. इ<ह4 म खींचकर Wहे -मह ु \बत मैने भरे ह', वो तब+सम ु का आलम चमन दर चमन, आओगे कभी तो इस तरफ भूले भटके खच ल4 उन क त+वीर 9दल ने मेरे, इसी उमीद पे दरवाज़ा खुला रखा है म'ने अब वो दामन बचा कर कधर जायग.े आज भी मेरे तसPवुर म तेर4 वह4 पुरानी त+वीर है - राज़ इलाहाबाद4 वह4 आँख वह4 चेहरा वह4 हं सी क लकर है 35 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 4. ए मेर4 जाने अदा यह ु 4 रहना साथ मेरे ना हो जाना कभी मझ ु से जद ु ा 4. खश ु ी से मर न जाए वो कह4ं मझ ु े सामने दे ख कर वाब सजाये है तेरे म' खुद नह4ं गयी,भेज द4 त+वीर (लफ़ाफ़े म रख 9दल मे बसाई तेर4 त+वीर है कर अब ना छुटे गा साथ तेरा gयोक 'रांझा' हूँ मै तेरा 5. त+वीर 9दल म रख के तुझे खुदा माना और तू मेर4 'ह4र' है 5. कह4ं ध\बा न लग जाये तेर4 बंदानवाजी पर, 6. मुझे भी दे ख मुत से तेर4 महफल म रहते है 1. Ye hawa apki hansi ki khabar deti hai, Mere Dil ko khusi se bhar deti hai, khuda salamat rakhe apki hansi ko, kyu ki apki Khusi hume zindgi deti hai… Zयार से बुलाऊँ उसे तो आ जाए शायद त+वीर िजसक मेरे 9दल म रहती है 7. Navneet Kumar Zयार gया होता है यह म'ने तम ु से जाना त ु ह शायद एहसास नह4ं क,जब तम ु ने कहा था , त+वीर म मु+कुराते हुए...... म' बहुत अkछy लग रह4 थी ....... क केवल त+वीर दे ख कर म' या मेर4 म+ ु कराहट कैसी ह' 2. 3. 4. Humare zakhmo ki wajha bhi woh hai humare zakhmo ki dava bhi woh hai woh namak zakhmo pe lagaye bhi to kya hua muhabbat karne ki wajah bhi to woh hai… Taras gaye apke deedar ko phir bhi dil aap hi ko yaad karta hai humse khusnaseeb to apke ghar ka aaina hai jo har roz apke husn ka deedar karta hai… Log kehte hain ki ishq itna mat karo, ki hussan sar pe sawar ho jaaye…..! hum kehte hai ki ishq itna karo, ki patthar Dil ko bhi tumse pyaar ho jaye..! तम ु नह4ं जान सकते . उस त+वीर के पीछे म' हूँ िजसे सवेरे सारा काम Hनपटा कर दरवाज़े पे ताला लगा कर काम पे जाने म कोzत होती है . गमv क दोपहर म घर वापस आकर ताला खोलकर खुद पानी ले कर पीने से उदासी जो जमी होती है बह Hनकलती है िजसक आँख, से. शाम को अकेलेपन क नीरसता ट4.वी.पर आने वाले काय/[म, से भी नह4ं जाती Nidhi Tandon 1. बोhझल होती शाम भार4 हो रात म बदल जाती है , अहदे वफ़ा क डोर आज तलक थाम रgखी है ´यूट4 क तरह......... त+वीर जो तेर4 म'ने इस 9दल म बसा रgखी है िजसे अपना पेट भरने भर को कुछ पकाना होता है 2. सब पूछते ह' मुझसे क कौन है काHतल मेरा उसे ,फर मेज़ पर 9दल म बसी त+वीर से कैसे सबको राजदां कर लूं अकेले बैठ Hनगलना होता है और ..... 3. 9दल म बसी त+वीर का रं ग कुछ फका सा है आज .....त<हाँ ,करवट बदलते-बदलते gया तम ु भी Hनकल पड़े हो बेवफा ज़माने के साथ नींद के इंतज़ार म 36 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me भोर हुए कह4ं आँख लगती है जो घड़ी के अलाम/ से जा कर खल ु ती है 18. िज़ंदगी म ,त+वीर तेर4 शा(मल है जैसे तकद4र मेर4 मुझे हा(सल है सवेरे,उठती हूँ अलसाई हुई,म' फर से इस जीने क यं_णा के साथ 19. बस इतना रहम कर दे मुझपे ज़माना मWं तो तेर4 त+वीर के साथ दफ़न करे पर त+वीर म म' मु+कुराते हुए बहुत अkछy लगती हूँ gयूंक 20. भूल के भी कभी भूल न पायी म' उसे गवाह4 दे ती है 9दल म त+वीर यार क कभी कोई त+वीर मुgकमल नह4ं होती..... 8. मेरे Zयार का बस इतना ह4 हा(सल है 21. मेरे आंसओ ु ं ने तेर4 कहानी कह डाल4 है 9दल से तेर4 त+वीर भी (मटा डाल4 है क तू इस जहां से दरू मेरे 9दल म है 9. बड़ी hझझक लगती है मुझे त<हाई म तुझसे 22. कतना रं गीन है सारा समां,आज तेर4 त+वीर से रं ग चरु ा लाया है (मलती हूँ जब इस (लए ह4 अब आँख, के र+ते से 9दल म त+वीर बसा ल4 है 23. तेरे वजूद से जड ु गया है मेरा वजूद ऐसे क त+वीर से मेर4 ,तेर4 खxु बू आती है 10. तरसाना छोड़ दो.अब आ भी जाओ तेर4 त+वीर से भी 9दल बहलता नह4ं Rachit Sondhi 11. त+वीर तेर4 बनाई है खन ू -ए िजगर से 1. Pal Bhar Mein Hansa, Pal Bhar Mein Rula Dete Hain Wo............. Naam Mera Likh-Likh Ke Mita Dete Hain Wo...................... Apne Hokar Bhi Pesh Aate Hain Ajanabi Ki Tarah................. Jaane Kis Baat Ki Mujhko Saza Dete Hain Wo..........!! 2. Suhani raat mey aao tumhe ghazal kah doon.... Meri bhi pyaas bujhao tumhey ghazal kah doon..... उमीद है अब तू रं ग न बदल पायेगा 12. मुझे तेर4 त+वीर क हरे क बात से Zयार है Hनकल के बाहर तम ु आ जाते तो gया बात होती 13. मेर4 दHु नया रं गीन है तेर4 मेहरबानी सन ु लेना अपनी त+वीर क जुबानी 14. त+वीर से तेर4 म'ने दा+ताँ कह डाल4 तेरे सामने लज़ भी जुबां से न Hनकला 15. त ु हारे Dबन महफ़ल म 9दल नह4ं लगता Hनगाह ढूंढती ह' मेरा काHतल नह4ं (मलता 16. लzज़, क ^गरह अब तो खोल दो तम ु बड़ी दे र से खामोश बैठो हो,त+वीर से 17. आज नह4ं हुआ तो कल होगा ज़Wर (मलन अपना त+वीर कतनी भी अkछy हो उससे Zयार नह4ं (मलता 37 Tera wajood hi meri zindagi ka haasil hai... Meri bhi duniya mey aao, tumhey ghazal kah doon.... Tere jamal se roshan thi qaynat meri... Phir wahi chand ley aao, tumhey ghazal kah doon. Soonchta hoon ki ab kaise basar hogi hayat... Phir wahi geet sajao, tumhey ghazal kah doon..... Kaun mahoos karey dil ki tadap, aankon ki jalan Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me Merey bhi gham ko saraho, tumhey ghazal kah doon…. gयंू क--त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है इस 9दल म त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है इस 9दल म. Hasratey dil ki “nadeem” aa nahi pati lab pey Meri hasti mey sama jao, tumhey ghazal kah doon……. --आर के पाwडेय "राज" लखनऊ 2. चाहे गम दे मुझे तू या दे तू मुझे ख़श ु ी, Rainy Sharma तेरा म' बंदा हूँ तेर4 ह4 चलेगी मज़v. 1 9दल म बसाये रखी है त+वीर यार क जब ज़रा गद/ न झक ु दे ख ल4 तू है मेरा खुदा जीसस भी है तु ह4, तु ह4 तो है नानक मेरा Raj Kamal 1. त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है इस 9दल म बोलो ना, उसको म' कैसे (मटाऊं ? भले ह4 दरू चले गए हो तम ु हमेशा के (लए मेर4 िज़<दगी से, बोलो ना, अपने 9दल के आँगन से त ु हार4 त+वीर को म' कैसे हटाऊं ? माना क तम ु ना आओगे लौटकर कभी (सत मेरे, बोलो ना, त ु हारे आने के आस म चौखट पे इक द4या gयूँ ना जलाऊं ? मेरे (लए त ु हारा लौटकर आना समझो तो एक उ3सव से कम नह4ं, बोलो ना, त ु हारे संग उ3सव मनाने को अपने oवार पर, व<दनवार gयूँ ना सजाऊं ? जानता हूँ क हरे क आस म छुपी होती है एक (सत क Zयास, बोलो ना, इस अनबुझ Zयास को म' (मलन के दो घूँट पीकर gयूँ ना बुझाऊं ? जानता हूँ क तम ु हो बन चले राह4 अब कसी और दHु नया के भगवान ् राम भी तु ह4. तेर4 हरे क नेमत मंजूर है मुझ,े तेरे इक दश/न को इ<तेजार है मुझ.े बस तुझे ह4 ढूंढता हूँ मं9दर-मि+जद-^गरजाघर-गुWद◌्वारे म, gया कहूँ बेसी से तेरे ह4 आशीष क चाह है मुझे. जानता हूँ म' क धम और धम/|थ ं , म उलझा 9दया है तम ु ने सबको लेकन एक 9दन तू ह4 सल ु झाए मझ ु .े सब कहते ह' क म' हो चूका हूँ बस तेरा ह4 द4वाना, दरबार तेरा बन चूका अब मेरा 9ठकाना तुझको छोड़ कर मुझको अब कहाँ जाना. म' द4वाना सह4, पागल ह4 सह4 लेकन म' gया कWँ, बस तेर4 ह4 जु+तजू है मुझे अपने जु+तजू का gया कWँ, जहां से लौटकर आया अभी तक नह4ं कोई, बस इतना ह4 जानता हूँ क लेकन फर भी आस के आसपास मेरा मा(लक बस चूका है मेरे 9दल म , भटकना ह4 बन गयी HनयHत मेर4 38 म' gया कWँ, कहाँ जाऊं Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me rone ki aadat keisi, yeh zindagi to khuda ki aajmais hai, to zindagi ki gumo se siqayat keisi, garib logon ko apna banaye rakhiyega, faqat amiron se milna sararat keisi, buraiyon our achaiyon ko dhundna sab, humari khun me aai hai khaslati keisi, bohot hi choti hai zindagi asif to muqtashar se safar me apwate keisi !! त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है इस 9दल म त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है इस 9दल म . -- आर के पाwडेय "राज" लखनऊ 3. )पटना के आईजीआईएम ्एस म मरणास<न पर पड़ी हुयी मेर4 छोट4 बहन को समSप/त एक कSवता) सब कह रहे ह' क अब तुझे जाना दरू है Rajat Khare लेकन मेर4 िज है क तुझसे मुझे राखी बंधवाना जIर है . 1. इस 9दल म ; छyन कर मौत से अब त<हाई क बात भल ु ा रखी है 9दल ने. अपने पास सहे जने के चाहत है मेर4, लो हम भी आ गये आप सबक महफ़ल म... इस बार खद ु ा से भी त+वीर जो छुपा रखी है आप लोगो क इस 9दल दो-चार करने क 9हमाकत है मेर4. म ....... :-) सोचता हूँ क गर तू चल4 गयी तो कैसे रह सकूँगा म', 2. बचपन क याद, के ज़म जो पनप गे अब तो दो+ती पे कुछ ऐसा गम ु ान हो चला है हमको; उनको कैसे सी सकूँगा म'. कैसे दे ख सकूँगा म' तेरे Hनजvव शर4र को याद, क लड़ी सजा रखी है आप सभी दो+त, क क दxु मन को भी दे खू तो दो+त ह4 लगता है ....... 3. याद, का तराना और 9दल का फ़साना कुछ ऐसा कैसे (मटा सकूँगा तेरे हँ सते हुए सभी त+वीर को, था; लाख समझाए कोई, संभलेगा नह4ं ये 9दल वो चंदा था या शायद उनका नजराना कुछ ऐसा तेरे हँ सते हुए त+वीर, को कैसे (मटा सकूँगा म' था; त+वीर जो तेर4 म'ने बसा ल4 है इस 9दल म . हम तो ठहरे बेगरत आवारा इन राहो म ; Iकना ह4 पड़ा उनके दर पे, उनका 9ठकाना ह4 कुछ --आर के पाwडेय "राज' ऐसा था.... लखनऊ 4. त+वीर-ए-यार क कुछ ऐसी है दो+त,; क गम म भी दे खू तो मु+कान आ जाती है .... Raj Kowsik 5. 1. 2. Yeh jo zindagi ke kitab hain, yeh kitab bhi kya khitab hai, kahin ek hasin sa khwab hain, kahi jan lewa azab hai, kavi kho diya, kavi pa liya, kavi roh liya kavi gaa liya, kahin rehmaton ke barishe hai to kahin tishnagi behishaab hai !! Miss u all !! Dikha ke nicha kisi ko hidayat nahi keisi, jata ke chota kisiko mohbbat nahi keisi, dil ko dena khusi ka shabab hota hai,dukha ke dil kisi ki ibadat keisi, paraya dard se kuch aasun bhi bahaya karo, khud apni dard pe 39 Xयो आ गये सब लोग इस महफ़ल म ; िज<ह,ने कहा था क हम आ न सकगे; अब तो ऐसा हाल है दो+त, उनका; क वो बोल रहे ह' क अब उठ कर जा न सकगे.... 6. Sailaab-e-ishq kuch aesa hota hai ki; Pyas bhi ni bujhti aur dil me aag bhi lgi hoti hai... 7. पीने का शबाब तो सब जानते ह' मगर; Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 8. नशा gया होता है ये कसी क आंखो से पीकर वो तो जहाँ ह' खश ु ह4 ह,गे; दे खो..... फर gय, उनके (लए तू तड़पने लगा फर से..?? आयगे वो सब लोग िज<ह आना है सी महफ़ल म ; और जो नह4ं आएँगे उ<ह हम लोगो क शायLरयाँ खींच लाएंगी.... 9. ab aa gue sb log yahan shayad........ ab aa rha hai maza......... Koi to chai biscuit ka intezam krao.......... ni to cold drink ho jaye to sone pe suhaga 10. आज डूब जाने को 9दल कर रहा है ; इस भीड़ म नहाने को 9दल कर रहा है . आज जमी है महफ़ल शायाLरओं क; हर एक कमे<ट पे ता(लयाँ बजाने को 9दल कर रहा है ... 11. यु तो महफ़ल म बेठे ह' हम; फर भी उनक याद gय, सता रह4 है . तनहा तो वो भी होगा मेरे Dबना; तो फर मेर4 ह4 आँखे gय, भर आ रह4 है ...?? 12. आना था इस महफ़ल म ये मेर4 9दल4 वा9हश थी; अब जो एक शेर मारा उ<ह,ने तो उनके और शेरो क भी अजमाइश थी... 13. कुछ ऐसा G(शध हुआ ये मश ु ायरा क; लोगो क (लखने क super -sonic speed हो गयी है ... 14. एक बात क बहोत गहर4 चोट इस महफ़ल म लगी मुझ;े कुछ क तो है अपनी ग़ज़ल और बहुतो क copy paste लगी मुझ.े .. अरे (लखना ह4 है तो 9दल के हालत और अपने ज़बात (लhखए; कुछ खोने का गम और बहोत कुछ पाने क चाहत (लhखए 15. 9दल-ए-नादाँ तू मचलने लगा फर से; आज उ<ह याद करने लगा फर से... 16. हौसला -ए-दो+ती कुछ ऐसा (मला हमको; क डूब कर सागर म भी ये HछHतज पार गये... 17. जब हम आपके साथ तो तो गम कस बात का; जहाँ भी जाएँगे आपके साथ रह गे आसमान बनकर.... 18. 9दल का दद/ कुछ ऐसा उठा फर से; क वो हम तो तड़प गये पर 9दल न समझ सका.. हमने पूछा 9दल से के हमे Iला कर भी तम ु खश ु हो; तो ये 9दल बोला क कोई है इस 9दल म इस(लए म' न तड़प सका... 19. aaoge jo tanhai me to sath milenge dard mere; jaoge jo door khud se to tanha ho jaoge....!!! 20. "नज़र-ए-करम कुछ ऐसा हुआ दो+त,; क हमको तीर-ए-नज़र ने घायल कर 9दया... कुछ अदा थी उनक और कुछ वफ़ा थी उनक "रजत "; और कुछ उनक जुXफ, ने हमे पागल कर 9दया.... 21. "वो त+वीर-ए-हाया है ; ये मोह\बत-ए-वफ़ा है .. वो हमसे खफा ह'; हम उनसे खफा ह'...." 22. इक त+वीर थी 9दल म जो व¡त बे-व¡त आँख, पे छा जाती थी; आज सामने हो हमारे तो, हमसे त ु हे दे खा नह4ं जा रहा.... 23. चलो अब एक रात तो गुज़र गयी राहत क; उनक त+वीर जो सीने से लगा कर सोये थे हम .... 24. त+वीर-ए-हु+न मेरे यार क; और आज ह4 Lरपोट/ दे खी इसके बीमार क.. 25. मेरे ह4 कुछ अपने अब मेरे पीछे खंजर Hनकाल कर चलने लगे ; 40 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me जबसे हम तेर4 त+वीर Hनहार कर म+ ु कुराने क कभी तकद4र नह4ं बनती तो कभी त+वीर नह4ं ग+ ु ताखी कर बैठे... बनती 26. हम तो झूठ म उनको बेवफा बोल आये "रजत",; 4. उनक त+वीर से जब मुखाHतब हुए, तो सार4 tasveer bhi teri chand ko dikhai nahin maine uski nazar se tujhko zara bacha rakha hai ... वफाएं याद आ गयी... 27. ये तो सन ु ा था क इज़हार-ए-मोह\बत क कोई जुबान नह4ं होती; पर आज दे ख भी (लया क दो+ती और हौसलाअफजाह4 भी 9दखावे क मोहताज नह4ं होती.... Rakesh Julka 1. tasweer teri jo dil me basa rakhi hai, sari duniya meri rango se saja rakhi hai 2. duniya tamashbeen hai,tamasha na tujhe banane denge, aa tasweer ki tarah dil me chhupa lu main tujhe 3. gaali hazaar dijiye,chikne ghade hain wo, mauke ko taad ,hath jod ,muskura rahe hain wo, koi in netao ki tasweer pe haar chadao, lokpal ke pichhehath dho kar pade hain jo... 4. chalo sathiyo hath uthao...milke kaho hum ek hain is desh ki tasweer badle,milke kaho hum ek hain, lokpal ko jokepal na banane denge.... Anna ke sath khade sab hum ek hain 5. kahta hun ki aaj har ek taqdeer badalni chahiye, mere buland desh ki tasweer badalni chahiye, sirf sanam ki tasweer seene se na lagaye rakho, milke is BHARAT ki tadbeer badalni chahiye 28. "दो+ती-ए-महफ़ल का जन ू न ू ह4 हमे यहाँ तक खीच लाया था दो+त,; वरना त<हाई म तो हम बहोत सी पंिgतयाँ (लखा करते ह'.." Rajendra Purohit 1. त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है इस 9दल म ...... बस उसके ह4 सहारे आ गया हूँ महफ़ल म ........ चाँद के चेहरे पे काला ट4का है ....... बात इतनी सी है गाल, के तेरे इस Hतल म ........... आप gय, मु+कुराए जाते ह' ..... जान मेर4 भी फँसी है मुिxकल म ....... दद/ को ढूं9ढए उस तार-तार दामन म ....... ये नेमत कब (मल4 है मुझ से कसी बे9दल म ....... आज क बात नह4ं रोज़ का ये क+सा है ..... मोह\बत थी ह4 कब राजू तेरे मु+तकDबल म Rajiv Shukla 1. honth tumahre nile pad gaye ab samjha mein tumahri najuki ko humne to badi narmi se chuma tha khawab me tumahri tasveer ko.... 2. Pani se tasveer kaha banti h khwabo se takdir kaha banti h kisi ko chaho to sache dil se magar is duniya mey sachi mohabbat kahan milti h.. 3. त+वीर और तकद4र का खेला है िज़<दगी , 41 Rana Rehan 1. tasveer apni bhej do gar tum na aa sako, kab tumhaari yaad me tadpa'a kareg.n hum.... Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me hai zara nazare bache ke chalna humse, hum woh hai jo pehali nazar me hi dil chura liya karte hai Rekha Tyagi Shukla 1. wo mujh pr ajeeb asar rakhte hai, mere tutn hue dil ki khabar rakhte hai, sochte hain hum bhool jayen use, pr wo yaad aane k saare hunar rakhte hai.. 2. ham rashk ko apne bhi gawara nahin karte marte hain wale un ki tamanna nahin karte dar parda unhen gair se hai rabt-e-nihani zahir ka ye parda hai k parda nahin karte yah bais-e-naumidi-e-arbab-e-hawas hai galib ko bura kahte ho acha nahin karte 3. ye jo ham hijr men diivaar-o-dar ko dekhate hain kabhii sabaa ko kabhii naamaabar ko dekhate hain vo aaye ghar men hamaare khudaa kii kudarat hai kabhii ham un ko kabhii apane ghar ko dekhate hain 4. humare zakhmo ki wajha bhi woh hai humare zakhmo ki dava bhi woh hai woh namak zakhmo pe lagaye bhi to kya hua muhabbat karne ki wajah bhi to woh hai… 5. har ek baat pe kehte ho tum ke ‘too kya hai’ ? tumheen kaho ke yeh andaaz-e-guftgoo kya hai 6. jitni chahat se tumhe dekha, utni chahat se kuch nahi dekha, dekhne do apne chehre ko ji bhar ke, humein muddat hui in aankhon ne ‘chand’ nahi dekha. 7. 8. jugnu ki tarah chamkane ki jaroorat kya hai, apni parchhayi badlane ki jarurat kya hai, jise chadni khud jhukkar salam karti ho, use itana sawrane ki jarurat kya hai. 10. unki tasveer ko seene se laga lete hai is tarah judai ka gam mita leta hai kisi tarha zikar ho jaye unko toh hass kar bheegi palkein jhuka leta ha 11. aankhon par aasoon ki lakir ban gayi, kabhi na sochi aisi takdeer ban gayi. humne to reth par yunhi phera tha haath, dekha jo gaur se to teri tasveer ban gayi. 12. nigaho me tum humko bitha lo dil me tum hume hi basa lo pyar itna kro ki hum bhool jayein sabko humari wafa ki tum tasveer bana lo… 13. ik tasveer toh de jaate vo hamein jaate jaate mujhe dil ka haal toh bata dete vo jaate jaate ab kya pata phir mulaqat kab ho hamari kaash haath hi mila lete vo jaate jaate 14. bhale hi kisi gair ki jaagir thi wo par mere khwabon ki tasveer thi wo mujhe milti to kaise milti kisi aur ke hisse ki taqdeer thi wo 15. aadmi kya hai gujrate waqt ki tasveer hai jane wale ko sada dekar bula sakte nahi shaher mein rehte hue humko zamana ho gaya kaun rehta hai kahan kuch bata sakte nahi Renu Pari 1. mang lungi main tujhe taqdir se.. .ji nahi bharta teri tasvir se..... 2. teri chahat ko ab tak, teri tasvir se puri ki hai.... bas ek baar aakar to dekh mera haal.... teri tasvir ne hi meri kya haal bana rakha hai......... 3. aapse achi aapki tasvir hai...jo tadpati nahi..jo tarsati nahi.. aap rto aakar chale jaten hain...ye jati ahi..ye jati nahii वफ़ाई क न दो तम ु सफाई मोह\बत मे सब जायज़ है आये हो हमारे इxक़ क महफ़ल मे, आब तम ु भी मु+करा लो 9. shabdo ko tarash ke ghazal bana diya karte hai hum chak-e-mohabbat par alfaaz siya karte 42 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 4. tere gam ko tere chahat ki tarah rakha hai.. teri tasvir ko amanat ki rarah rakha hai......... 5. mohabbat ka jamana aa raha hai....... kisi ki tasvir dil me samaya ja raha hai............ 17. hazrate daag jahan bath gaye to baith gayen... lakh juten paden..na jayenge agar ek bar lait gayen.. 6. tujhko khoke bhi na khatm hoga tera intezaar.... dil ke darwaze par bas dastak deke rah jayenge..... 18. mera khayal tujhe tadpaye ye kabhi allah na kare.... ho ayesi jab baat to mujhe ek fadakta hua sher likhnaa..... 7. tumhe dekhi meri aankhe..isme meri kya khata hai... haal kya hai mere dil ka...ye to bas mujhko pata hai......... 8. 9. Saira Isar 1. त+सुPवारात को पंख लगने लगे ह' judaii teri ye jane jigar bardast karten hain..... na bardast ke kabil magar bardast karten hain..... Dil ke rag-rag me hai betab mohabbat tumhari !! Ankho ki putaliyon par laharaati hai TASVIR tumhari !!!!!! 10. Aaj har ek pal khubsurat hai.. dil me mere sirf teri surat hai.. kuch bhi kahe ye duniya gam nahi... duniya se jyada mujhe teri jarurat hai........ मेरे साज़ को (मल गया है नया गीत तब+सम ु से ह,ट मेरे hखलने लगे ह' ....................... 2. 13. .jindgi un hi gujar jati hai baton hi baton me..... tum mujhe bahut yaad aate ho jab dekhti hu TASVIR teri raton me......... 14. hoti agar nasib me tere deed ki khushi.... kis dhum se manaten ham bhi Id ki khushi........ 15. sise me muh dekhkar sanwar jaoo.... mushayara khatam huaa....sare ab ghar jaoooooo 16. jindgi par pada parda hilta hi rahega..... manish bhai..dharmendra ji ..amit aur siya ji..ye mushayara aapko mubarakbaad deta rahega.... 43 मेरे 9दल के गोशे म त<हाइयां थीं मेरे 9दल के गोशे म वीराHनयाँ थीं उजाले ह' आये 9दल ए अंजम ु न म त+वीर जो तेर4 बसा ले है 9दल म ................... 3. मेरे 9दल के गोशे म त<हाइयां थीं मेरे 9दल के गोशे म वीराHनयाँ थीं 11. Yaad bahut karta hai unko ye dil mera.... karar aa jata hai dekhkar sanam ki tasvir.......... 12. kuch badalti taqdir nazar aati hai... yadon ki ek zanzeer nazar aati hai.. main padun to kya padun.... har panne par teri TASVIR nazar aati hai..... त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है 9दल म उजाले ह' आये 9दल ए अंजम ु न म त+वीर जो तेर4 बसा ले है 9दल म ............... 4. ज़माने क ज़ा(लम नज़र से Hछपाकर त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है 9दल म मुझे Iसवाइय, का कोई दर नह4ं है त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है 9दल म मुझे तू न (मला तो कोई ग़म नह4ं है त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है 9दल म मेरे (सवा कोई तुझे न दे ख पाए त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है 9दल म Hनगाह ए करम तम ु करो न करो त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है 9दल म ये सहरा मुझे चमन लग रहा है त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है 9दल म फलक पर महताब भी रxक मे है त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है 9दल म म एक पैकर ए वफ़ा बन चक ु हूं त+वीर जो तेर4 बसा ल4 है 9दल म ..................... Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 5. त+वीर जो तेर4 लगा ल4 है 9दल म कता ताXलुक हो गए इस जहां से ये त<हाईयाँ मुझको रास आगई ह' कहाँ आ गए चले थे कहाँ से.................... 6. 6. कहना तो बहोत कुछ था..मगर बेबसी तो दे hखये, सामने तो चुप रहे ..जुदा हुए तो रो (लए... 7. ये माना के त+वीर, से Zयार का ऐतबार नह4ं होता... रात है (सतार, क महफ़ल है मगर त+वीर, को Zयार पे ऐतराज़ नह4ं होता......... चाँद क मेजबानी है Hनभ रह4 है अब तक..अपनी चाहत, क र+म ... पुरसुकून लहे ह' गो (मलने क िजद करते..तो राज़-ऐ-मोह\बत िज़<दगी क बात करो राज नह4ं होता.. चांदनी क बात करो दो+ती क बात करो त+वीर जो 9दल म उतर आयी है उस Hनगाह ए नाज़ क बात करो ............. 8. चांदनी उतर4 थी आँगन म जगमगाने को, उसी लहा आ गयी उनक याद 9दल जलाने को. सब कुछ लट ु ा चक ु े थे उनक ज+ ु तजू म हम, जब (मले तो बस एक जान बची थी लट ु ाने को 9. उनके रं ज से डरता है ये शहर इतना, Santosh Tiwary 1. सफ़र क तैयाLरय, म लगे हो..लो इक चीज और रख लो, बहोत याद आएगी....मेर4 एक त+वीर रख लो.. 2. शु[या तेरा ऐ रकब..उनके ख़त म मेरा नाम (लख 9दया,इसी बहाने Hनगाह- ऐ -यार ने मुझे छुआ तो होगा, मेर4 आह, का न सह4...तेर4 बात, का सह4,पर उनके 9दल म, कुछ हुआ तो होगा.. 3. मुत, पहले Dबछड़ चुक है िज़<दगी मुझसे.. तलाश म उसक, मर के भी िजए हूँ सुबहो शाम. मुझसा ह4 उजड़ा है शहर ये,मुझसा ह4 Dबखरा है शहर ये, ये शहर मुझको...और म' इसको िजए हूँ सुबहो शाम 4. जेरे साया तेर4 जX ु फ, के,िज़<दगी ऐसी तो न थी ग9द/ शे दौरा ने बताया...हककत gया है . 5. सोचा..भुला दं ,ू मगर ग़म नह4ं...त+वीर थी तेर4, सोचा..जला दं ,ू मगर ख़त नह4ं.....त+वीर थी तेर4, सोचा (सराहने छुपा ल.ूं .मगर 9दल नह4ं...त+वीर थी तेर4, तेरे जाने के बाद..एक ह4 जगह थी खाल4..त+वीर कोई का(सद नह4ं तैयार पैगाम पहुँचाने को. मुझसा पर4शान कोई नह4ं.. हर शस का ये दावा है , हमारे बारे म शायद.. खबर नह4ं है ज़माने को, 10. उ सार4 काट द4 संतोष रो रो कर हमने.. मौत आयी तो एक लहा (मला..मु+कुराने को... 11. आपक त+वीर वो कहती है .. जो लzज़, से बयान नह4ं है, Zयार ने छू (लया है ... ये सच है गम ु ान नह4ं है , 12. पंिgतयाँ मजा9हया ह'..मगर बात गंभीर है , ये फेसबुक नह4ं है ..हमारे यार, क त+वीर है . 13. हम कैसे कह जाने क....के हम तो Hनशाचर ठहरे , जहाँ सुबह हो जाये चलते चलते..वह4 अपना घर ठहरे . 14. तेरे होठ, क तब+सम ु ने उजाले 9दए ह' मुझ.े . तेर4 आँख, ने कई वाब सह ु ाने 9दए ह' मुझे.... िज़<दगी बेवजह गुज़र रह4 थी मेर4.... Zयार ने तेरे जीने के बहाने 9दए ह' मझ ु .े . तेर4 9दल म बसा ल4... 44 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 15. तेरे सान, ने सहारे 9दए ह' मझ ु .े ... 4. जब सारे सा9हल डूब चक ु े थे... इxक ने तेरे...कनारे 9दए ह' मुझ.े . Pyar to Zindagi ko Sajane K Liye Hai. Per Zindagi bus Dard Barhane K Liye Hai. Mere Ander ki Udaasi Kaash koi to Parhe, Ye Hansta Hua Chehra to Zamane K Liye Hai. 16. कसम है न करना उफ़..खा के जूते भी दाग.. के ये यार, क मफल है .. Shanker Kargeti कुछ म|र ग.े .कुछ कह गे..बच..भाग.. 17. और, को समझने म इतना मशगूल रहा म'...के 1. तसवीर तेर4 9दल म, रखने का इरादा था मजनू बन जायगे,,, हाँ ये भी वादा था खुद को भी नह4ं जाना म'ने, पर झेल नह4ं पाए खचा/-ए–मोह\बत को तू ने ह4 कराई है ..खुद से मेर4 पहचान, लैला के मोबाइल का कुछ Dबल ह4 यादा था ऐ दो+त तेरा... शु[या...करम...अहसान! 18. बहोत शोर सन ु ा था हमने...मश ु ायरे के 2. 9दल म रख लेते तेर4 त+वीर लेकन gया कर 9दल के डॉgटर ने कहा मत रखना ये टे <सन कभी शायर,..का.. तम ु Hनकल जाओ ना पतल4 सी गल4 से एक 9दन जो शा(मल हो के दे खा तो...सारे दो+त भरे थे...... ये भी मम ु कन है क बीवी को (मले पे<सन कभी आदाब! 3. 9दल क त+वीर, का gया है एक ढूँढो सौ (मल ये वो गुलशन है जहाँ पर जाने कतने गुल hखल 1. 2. Shafiqa Bano Rasta phir kahi ruke sayeed,,manzilo ka pata mile sayeed,, abyaari gulo ki ki thi lekin,phul me khar bhi khile sayeed..SHAFIQA BANO Mele kapro me sarak kinare khari ... Sochti he ye kya aafat aa parh .i.. Billakte bache, sisakti mamta.. Kaiase hain ye imtihaan ki garhi ... Majburian ,bebasi ,lagi aansuon ki jhari ... Dekhti he nam ankho se , sher-e-karwan ... Sochti hoon ek din main bhi in me thi khari ... Eh Khudha ye kis gunah ki hai saza ... Kyu mere hi vazood pe ye aafat aa parhi ..SHAFIQA BANO 9दल पुराना है ,,, पुरानी ह4 तेर4 त+वीर है.....!! कैमरा एक हो नया तो दरू ह, सब मुिxकल 4. हम तेर4 त+वीर 9दल म gया कर गे डाल कर 9दल म गाँधी जी बसे ह' और कुछ चाहा नह4ं 5. आंसू बहा दे ने से,,,,त+वीर नह4ं (मटती....! एक शस Dबछड़ने से तकद4र नह4ं (मटती.! Shikha Atul 1. 3. Dhoondti phir rhi hu yahan se wahan.. Har ek sheh me dikhai deti hai maa.. Yaad aata he wo bachpan ka zamana mujhe, Larkharati thi jab main tham leti thi maa.. Wo andhere se dar ke tere anchal me chipna... Tere anchal ki mehak yaad aati he maa.. Wo parion ki kahani sunna teru zubani... Loriaan ga ke jab jab sulati thi maa.. Tujh se bicher ker soi nhi teri safaq.. Aagosh me apni sula le na maa....SHAFIQA BANO 45 tasveer unki dil me hoti , to kuchh likhti dil apne pahloo me hota ,to kuchh likhti ban k lahoo behta he pyar tera jism me tujh se juda hoti to kuchh likhti. tanhaiyon me sargohiyan kamaal karti hen teri yaaden behaal kartee hain kash k paas hota tu mere dhadkane mil patin............to kuchh likhti. Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 13. कोई भाव न रहा तेर4 तस ्वीर के टुकड़, का, Siddharth Mishra 1. जब भी आती है कभी याद मुझे तेर4 तो, अपनी तस ्वीर ह4 सीने से लगा लेता हूँ.. 2. है कोई जहान म मझ ु से अमीर यहॉ,ं तस ्वीर जो तेर4 बसा ल4 है इस 9दल म ... 3. मुझको वह4ं ढूँढना ऐ जहॉ ंवाल,, िजस 9दल म तेर4 तस ्वीर बसती है 4. 5. 14. अब काहे का डर, यमराज भी लौट जायगे, तस ्वीर जो तेर4 बसा ल4 है इस 9दल म .............. 15. 9दल म तेर4 तस ्वीर बसी है , पत ्थर 9दल तम ु कहते होपत ्थर पे बनी तस ्वीर को ये आंसू खाक (मटायगे.......... 16. झुका के (सर चले जाते ह' तेर4 गुलजार महफल िजस 9दल म तेर4 तस ्वीर न बसे, से, मेरे (लए है अखबार के कतरन क तरह... 9दल के टूटने क कोई नह4ं होगी आवाज, ये वादा है ये भी हािजर है और वो भी मौजूद ऐ जाने-जहॉ,ं आपको क् या चा9हये ? 9दल चा9हये ? जॉ ंचा9हये ? 6. कोई खर4द के टूटा Sपयाला क् या करता............. मैन सोचा क मेरे 9दल क हालत क् या है , तेर4 तस ्वीर से तभी मेर4 मल ु ाकात हुई......... 17. माना क तेर4 तस ्वीर मेरे 9दल मे बसी है , फर 9दल म क् यूँ तेरे द4दार क ख ्वा9हश है ..... 18. चोट खाये हो मगर पीर न हो, मेघ ्◌ा छाये ह, मगर नीर न हो, िजन ्दगी ऐसी भला कस काम क- 7. तम ु समझ जाओगे क् या चीज है मेरा 9दल, 9दल Hछपाये हो मगर तस ्वीर न हो..................... तम ु ने मेरे 9दल म बसी तस ्वीर अगर दे खी हो........... 19. ये 9दल क बस ्ती है , बसते बसते बसती है , पछताओगे सन ु ो ऐ बस ्ती उजाड़ के.............. 8. िजन ्दगी से Hनबाह करना पड़ा, इस(लए ह4 गुनाह करना पड़ा, 9. 20. आने के वक् त तम ु तो कह4ं के कह4ं रहे , वक् त ऐसा भी हमपे गुजरा जब- अब आए तम ु , तो फायदा ? हम ह4 नह4ं आह भर-भर के वाह करना पड़ा............... रहे ...............शभ ु राD_.... मौसम कैसा भी रहे कैसी चले बयार, बड़ा क9ठन है भूलना, तेर4 तस ्वीर तेरा प ्यार...... Siya Sachdev 10. तस ्वीर तेर4 जो बसा ल4 है इस 9दल म , अपनी तस ्वीर (लए तेरा 9दल ढूँढते ह'................ 1. आपने आके हौसला बशा...... आपने Zयार 9दया हम सबको 11. म' gय, लकर, पे भरोसा कWँ, मैने 9दल म तेर4 तस ्वीर जो बसा रखी है .. 12. ये भी एक तमाशा है , शायद तेर4 तस ्वीर का, नजर तेर4 तरफ करता हूँ, तस ्वीर क तरफ जाती है ......... 46 म' तो ज़रा/ थी दआ ु ने सबक इतना काDबल कया हमको यँू बरसती रह मझ ु पे ये इनायत ये मोह\बत आप सबक और gया चा9हए भला इससे बड़ी दौलत (सया सबको Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 2. आप आये खश ु ामद4द तशर4फ़ लाये उदा लज, से सजे ग़ज़ल और शेर गाये शोख अंदाज़ से आप सबके 9दल को बहलाए शाम रगीन है ब$म को जरा सा महकाए 3. इस 9दल म बसा कर रख ल4 9दलबर तेर4 त+वीर पर हाथ म ना (लखवा पाए तेरे साथ क हम ये लकर हर गीत कहानी कहता ,ये इxक ह' इक ऐसी जंजीर टूटे हुए 9दल है रांझे के ,महलो म भी ना खश ु ह4र ये रोग तबाह कर दे .ये इxक बना दे 9दल से फ़कर जब साथ ना हो हमदम तो (सया लगती फूट4 तकद4र 4. hखल गया है , राज़े-9दल खोला तो है फ़ूल ने Hततल4 से कुछ बोला तो है तम ु हवा बनकर उसे सल ु गा गए हाँ मेरे सीने म इक शोला तो है काश अब ये (सल(सला आगे बढे उसने हमको इक नज़र तोला तो है 5. लहजा-लहजा कमाल है उसका 9दल म अब तो ख़याल है उसका वो अभी तक Sवसाले-यार म है शम/ से चेहरा लाल है उसका तू तम<ना ह' आरजू 9दल क (लखा हो तू मुकदर म' gय, नह4ं होता 7. इबादत रब क और सूरत यार क हो सजदा उस खुदा का र+म Zयार क हो आ(शक, का इxक ह4ं मज़हब ह' िज[ रब का और बाते यार क हो 8. जो चाहो िजंदगी से वो सब कुछ नह4ं (मलता समंदर क हर लहर को सा9हल नह4ं (मलता ये दHु नया का भी कैसा सा अजब द+तूर ह' लोगो कसी से 9दल नह4ं (मलता कोई 9दल से नह4ं (मलता 9. इxक सkची इबादत मेरा इमां मोह\बत जहाँ म Zयार िजंदा है तो दHु नया खूबसूरत सकू हर 9दल म कायम, कसी से ना (शकायत वो खश ु नसीब "(सया" पास िजसके ये दौलत 10. म' इक शहर का (समाब _(सफत शायर हूँ मेर4 तकल4फ मेर4 फकर क पहचान भी है मेरे हफµ म मेरे लज, म ह' चेहरा मेरा मेरा फन अब मेरा मज़हब,मेरा ईमान भी है मीर _ओ_ग़ा(लब ना सह4 फर भी गनीमत जानो मेरे यार, के (सरहाने मेरा द4वान भी है .... 'mohsin'' naqvi आप gया मुझसे Zयार करते हो कतना लािज़म सवाल है उसका ऐ मह ु \बत मुझे बता दे ना मेरे Dबन कैसा हाल है उसका क़ैद होकर भी मुतमईन हूँ बहोत रे शमी नम/ जाल है उसका 6. रहे _ए _ग़म से गज़ ु र नह4ं होता तू मेरे साथ गर नह4ं होता आज फर मेरा हमकदम बन जा Dबन तेरे अब सफ़र नह4ं होता 9दल से इक पल जुदा नह4ं होता 11. झठ ू y त+वीर वो 9दखाते है वो तो चेहरे कई लगाते है फूल लहजे से िजनके झरते है उनके तेवर भी बदल जाते है वादे करते है कसमे खाते है फर वो मजबूLरयां जताते है कभी (मलते ह' गरम जोशी से और कभी आंख यूं चुराते है अब तो तनहा बसर नह4ं होता हमसफ़र बन के साथ चलते है जान लो तम ु ये ह ह' चाहत क फर वो राहो म छोड जाते है 9दखे ना तू तो शाम_ओ_सहर नह4ं होता तुझसे ह' Wह का Lरxता मेरा जब चला िज[ बेवफाई का साथ तेरा gय, मय+सर नह4ं होता आप gय, अपना मह ु ं छुपाते है ..... (सया 47 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 12. ना हसो हमपे हमारा भी इक ज़माना था मेर4 त+वीर पे 9दल तेरा आ(शकाना था जो मेरे वा+ते बेकल सा फरा करता था फेर के मह ू वह4ं कहता ह' तू द4वाना था 13. ज़माने म ना इस से बढ़के कोई ऐसी दौलत है मोह\बत िजस को कहते ह' वोह इक नायब नेमत है लोग हर बात पे ताने द गे ना इतना शोर मचाओ कोई 20. तम ु ने वादा कया Hनभाने का दो+त, को वो अधूरा सा लगता ह' भर4 महफ़ल से उठ के आ जाना ऐसे सबको बुरा सा लगता ह' 21. म' अgसर सोचा करती हूँ , तम ु कैसे हो, तम ु कैसे कसी इंसान को इंसान से गर Zयार हो जाये हो तो यह भी इक पूजा है तो यह भी इक इबादत है तम ु ख़xु बू बेला गुलाब से, तम ु हर पल च<दन जैसे 14. 9दल के आईने म बस आप ह4 ह' Zयार के काDबल वरना द4वार के काDबल तो हर त+वीर होती है 15. ए 9दल तू मानता नह4ं gय, नसीहत मेर4 िजसपे मरता ह' वो नह4ं है मोह\\बत तेर4 हो धप ू हो उजल4 सद¶ क तम ु , तम ु रात रोशन पूनम क तम ु गमv से आहत मन क राहत सावन जैसे हो उसक त+वीर म त+सवुर म डूबा रहता है म'ने तम ु को दे डाला 9दल, सोचो कैसे होगे तम ु उलझने बढ़ गयी बेकार मशgक़त तेर4 तम ु हो मेर4 जान सनम तम ु दLरया सागर जैसे हो 16. तम ु ने जीती हो सXतनत लेकन काल4 रात, के चराग तम ु , तन-मन रौशन करते हो 9दल म लोगो के घर कया हमने राह 9दखाओ भटके मन को तम ु तो Dबलकुल वैसे आज के दौर म वफ़ा करके हो अपने दामन को तर कया हमने 17. आज मेर4 नमाज़ ऐसी थी तम ु "(सया" क सोच थी जैसी सचमुच Dबलकुल वो तसPवुर म मेरे आये है वैसे हो gया वफ़ा समझे िजसने फुरकत म अxके ग़म ह4 नह4ं बहाए है जैसा अgस याल, म था, तम ु को वैसा पाया है ...... (सया 18. उसक त+वीर का कमाल दे खो उसके चेहरे पे वो ज़माल दे खो कस कR वो हसीन द4खता है कसी शायर को वो याल दे खो 22. तू जानता है मझ ु े स जरा नह4ं होता तू भी वाकफ है मुझसे बेखबर नह4ं होता तेरे Dबना म' दो कदम चलू नह4ं मम ु कन साथ जो तू नह4ं तो ये सफ़र नह4ं होता 23. ये दHु नया ये दौलत ये नज़ारे gया (लख 9दया 9दल तेरे नाम 19. इक मुत से है Zयासी आंखे ये कागज़ ये द4वार ये ख़त gया उनक त+वीर ह4 लाओ कोई (लख 9दया तकद4र म तेरा नाम Zयार का दम जो भरा करते थे ये आरजू ये जु+तजू ये मेरे वाब gया आइना उनको 9दखाओ कोई (लख द4 सब ताबीर तेरे नाम िजंदगी म कभी जो आया हो उसको हर^गज़ ना भुलाओ कोई व¡त क तेज़ बहुत रतारे उसको यंू ना गवाओं कोई 48 24. जान दे दं ू ये चीज़ ह4 gया है कुछ बता तू तेर4 ख़श ु ी gया है जो समझते नह4ं ह' हाले _ए _ 9दल Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me खाक समझगे आ(शक gया है वो जो खुद म ह4 खोये रहते है Tarun Shandilya gया खबर उनको दो+ती gया है 1. meshoor hone ki khwahish kabhi meri na thi, ye tere gustaki verna meshoor na huye hote, kar leti jo humse izhaar tum bhi kabhi ae balaa yu hum aaj bhari mehfil me shayar na huye hote....:) 2. maine bhi jurm e baghawat ke sitam jhele hai, main bhi ab log jidhar jaty udhar jata hoon, woh bhi chup chup si kahi baith ke roti hogi, main bhi raaton ko zara der se ghar jata hoon... 3. behad sareef logo se kuch faslaa rakho, pee lo magar kabhi na kaho tum nashe me ho, kaghaz ka ye libaas chiragon ke sehar main, janan ! sambhal smabhal k chalo tum nashe main ho.. 4. thori si aur mauj mein aa e hawa e gul, thori si uskey jism ki khusboo churaa ke laa, gar sochna hai ahl e mashiyatt k hosaley, maidaam se ghar me aik maiyaat utha k la, mohsin ab uska naam hai sabki juban per, kisney kaha tha usko ghazal me sajaa k laa 5. mere jineke liye tera armaan hi kafi hai . dil ke kalam se likhi ye ! dastaan hi kafi hai. tir-e-talwaar talwaar ki tujhe kya zaroorat zaroorat-enazneen, qatl karne ke liye teri muskaan hi kafi hai 6. ek din usne mujhase pucha : kya tum mujhe bhul jao gey? main ne kaha: tum ne dekhi nahi phoolon ki wafa?? wo jis per khiltey hai usi per murjha jate hai... 7. yahi bahut hai k tum dekhte ho saahil se, safeena doob raha tho koi baat nahi, tum hi ne aaina e dil mera banaya tha, tumhi ne tod diya hai tho koi baat nahi, kisey majaaal ki kahe koi humko deewana, agar ye tumne keh diya hai tho koi baat nahi... 8. ye baat aur ki woh nahi laila ke gharaane se, hum tho majnoo ke tabele se taaluk rakhte hai... ग़म म अपने जो खोये रहते हो तम ु नह4ं जानते ख़श ु ी gया है कुछ तम<नाये कुछ अधूरे ©वाब और इंसान क िजंदगी gया है इxक से हो जो बेHनयाज़ "(सया" इक प3थर है आदमी gया है Soma Mitra 1. Khuda kii dua se humme tumhe paya hai Hamari zindegi sirf tumse hai Tumne hi toh hume pyar karna sikhaya hai….!!! 2. Tum ne de di hai muje saari duniya ki khushi Rab se mangenge duwa hum na bichrenge kabhi Tum mere saath raho chahe gam ho ya khushi.... Sushil Jhunjhunwala 1. ये इंद ु (संह के (शमला जाने के बाद ....................................... जब चाँद शेर बन महफ़ल म आ गया लोग बेहोश हुए चंदा से या शेर से भगदड़ सी मची है कोई 9दखता नह4ं दे खनेवाल, को होश ह4 कब था .... मै +टे ज के नीचे छुपा था 49 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 9. teri yaadon se bach nikloon, mujhe tadbeer de koi meri janib se har rasta, teri janib nikalta hai....... 17. na ho kabool tujhey tho kismat mere sajdo ki, magar yeh sar nahi auron k sang e dar k liye... 10. be simt tha safar bhi, thakne lage the pair bhi, sar per thi dhoop mere,jalti thi raah gujar bhi, kuch dastako ka fun bhi bhula hua tha mujhko, aur log sab muqaffil rakhne lage the dar bhi, kuch weham sa tha dil mein kuch hosla bhi kam tha, badli huyi thi logon us shaksh ki ab tho nazar bhi 18. jo bhi gunchaa tere hothon pe khilta hai, meri tangi e daaman ka gilaa karta hai, main tho naitha hoon dabaaye huye tufano ko, tu mere dil ke dhadkane ka gilaa karta hai, raat yu chand ko dekha hai nadi me raksaan , jaise jhumar tere maathe pe hila karta hai, kaun kaafir tujhey ilzaam e tagaful degaa, jab bhi karta hai mohabbat ka gilaa karta hai.. 11. main udaasiya na saja saku , kabhi jism o jaan ke majaar per, na diye jala meri aankkh me, mujhey itni shakht saaa na dey, mere saath chalne k shauk me bari dhoop sar pe uthayegi, tera naak o maksh hai mom ka kahi gam ki aag ghulaa na ddey, main ghajal ki sabnami aankh se yu dukhon k phool chuna karu, meri saltnat mera fun rahe mujhey taaj o takht khuda na dey,,,, 19. talaak to de rahe ho nazar-e-kahar ke saath jawani bhi mere lauta do mehar ke saath" 20. guroor to hona tha unko hamari mohbat ki shiddat dekh kar magar apni qadar ki soch me hamari qeemat he bhool gaya.. 21. tasweer ki yun aadat na daal mujhey, dil me tu kahi dhundhlaa na jaye... tasweer bahut wafa nibhati hai mujhsey, kahi teri jagah ye dil me bas na jaye... 12. humaare baad chali rasm e dosti ki nahi, hawa ki zad me koi samaa fir jali k nahi, bichar ke jab bhi mile mujhse puchta wo shaksh, ki in dino koi taza ghazal huyi ki nahi, 13. kya khazaaney meri jaan hijr ki shab yaad aaye, tera chehra, teri ankhen tere lab yaad aaye... 14. jurm e najrana pe kon itani khushaamad kata hai, ab wo ruthey hai lo aur tamaashaa dekho, hum na kahte the banaawat se hai saara gussa, hans ke lo phir wo unhone hume dekh dekho... masti e husn se apni bhi nahi tum ko khabar, kya sunoge araz meri, haal mera kya dekhogi.. 15. likhna tha ki khush hoon tere bagair bhi, aansoo magar syahi se pahle hi gir gaye.... 16. itni mushkil bhi nahi hoon k kabhi hath na aaoon itni asaan bhi nahin k mujh ko utha lay, koi 50 Vandana Grover 1. Sii liya hotho'n ko humne aur ashko'n ko piyaa hai Jabt aise umr bhar humne mohabbat ko kiyaa hai.. 2. Kya khabar laayaa hai kaasid, kar rahii haalat bayaa'n Saans ukhdi, dil digar goo'n aur chehraa zard hai.. 3. Mere sar par har ghadii hii ek na ek ilzaam hai .. Yah wafaa kaa hai silaa yaa pyaar kaa inaam hai.. 4. Kitnaa samjhaaya, galii terii mein laaya kheench Dil Hum ko bikhraane k goya hum bhi mush-ekhaaq hain Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me 4. कुछ और सोच कर जो बसाई थी 9दल म, 1. Vandana Sharma kuch tasveere basti hain aankho me, kuch gagan chhumti hain. beh na jaye aansuo me tu, vo baras baras kar badan chumti hain..... कुछ और समझ कर वो बस गई 9दल म, हमने सोचा था 9दलबर िजस को अपना, एक गहरा सा दद/ वो त+वीर दे गई 9दल म ... 5. त+वीर, क क+मत भी, gया अजाब बना द4 खुदा ने, Vikash Malviya 1. माला उसी त+वीर पे चढाई, 9दल म बसाया था िजसको... Pahle to sab mahanubhawo se kshama chahunga deri se aane ke liye......manch ko pranam karte huye apni rachna pesh karta hu.... aap sabka aashirwad chahunga...... 6. यह4 सोच कर तेर4 त+वीर को 9दल म बसा (लया, Tu door lakh sahi kabiz hai mere dil me, Tasveer jo teri basa li hai is dil me..... 7. समझ न आए के कWं कैसे अब शु[या सब का, Tujh bin akela tha ,tanha tha mehfil me, Kya khaak maza tha jashn-e-manzil me, tasveer jo....... तू चाहे Wठ भी जाए, त+वीर तेर4 Wठा नह4ं करती... त+वीर क तदबीर कुछ समझ आए तो कुछ कहूँ... 8. हाल 9दल का अपने तुझ से न कह सके तो भी गम नह4ं, Amawas si kali raat jab mujhko satati thi, Pedhon pr jhulti latayen teri zulf nazar aati thi, Tik-Tik karte ghadi ke kante jan mujhe sone nahi dete the, bistar ke kone me sankuchit se tujhko hi socha karte the, Din raat yaad kiya tanha akele me, Tasveer jo teri basa li hai is dil me....... त+वीर तेर4 बसी है 9दल म , सब हाल मेरा समझ लेगी वो... 9. न है तुझसे कोई (शकवा, न ह4 (शकायत तेर4 त+वीर से, िजस 9दल म बसी त+वीर, वो 9दल भी तो क+मतवाले का है ... 10. तेर4 त+वीर को यह4 सोच कर 9दल म बसाया म'ने, न खोने क ^चंता हो, न ह4 ढूँढने क जेहमत ह4 Vinay S. Pandey 1. पढ़ना भी मिु xकल, कुछ (लखना भी मिु xकल, दे खना भी मिु xकल, आँख फेरना भी मिु xकल, ऐसी बसाई त+वीर 9दल म 9दलबर क दो+त, अब तो 9दल को संभाल पाना भी मिु xकल... 2. यह gया अजाब हाल कया है त+वीर का दो+त,, त+वीर 9दल म बसाते बसाते, नज़र, से ^गराई है ... 3. आज तो दे ख (लया आपके आने से महफ़ल क त+वीर बदल गई, आप के (सफ/ शमा जला के जाने से ह4 महफ़ल जवां नह4ं होती... 51 रहे ... 11. कोई राय न बना लेना, मेर4 इस म+ ु कुराती त+वीर को दे ख कर, बहुत सा दद/ छुपाया है म'ने, इस त+वीर म मु+कराहट लाने म ... 12. बि+तयां उजाड कर जो अपनी त+वीर बनाया करते है , वो gया जाने लोग, ने जान दे कर बसाई ह' बि+तयां... 13. ऐसा लगता है आपके आने जाने ने, शायद 9दल दख ु ाया है कसी का, Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me तभी तो 9दल को समझाने के (लए, (लए सबने त+वीर 15. आज तो त+बीर क बात, म खोये कुछ इस तरह, से काम चलाया यहाँ... मरू त तेर4 बनी आज के 9दन न याद यह भी रहा, करते ह' सब रब से दआ ु , आज बस इस तरह, 14. त+वीर, म उलझ कर, तदबीर को न भूल जाना रखे सलामत तम ु को, मु+कुराओ तम ु यह ूँ 4 सदा... कह4ं, तदबीर, त+वीर को तो gया तकद4र को भी बदल आज तो 9दल भी गद-गद हुआ त+वीर को तेर4 बसा के, दे ती है ... तेरा खुल के मु+कुराना लगता है 9दल को भी भा गया आज... SPECIAL THANKS TO ALL SHAYARS/CREATIVE WRITTERS 1. Aarushi Parashar 21. Dr Kumud Tiwary 2. Adarshini Srivastava 22. Geetanjli Arora 3. AK Sinha 23. GPS Malhotra 4. Amit Harsh 24. Gunjan Patel 5. Anil Das 25. Gurmeet Singh 6. Anil Tiwari 26. Gyanendra Shukla 7. Anurag Aditya Bajaj 27. Harshadkumar Somaiya 8. Archana Chakravarty 28. Himanshu Sharma 9. Archna Pant 29. Indu Singh 10. Ashok Mann 30. Jyoti Julka 11. Ashok Pritmani 31. Kaushlendra Mahor 12. Atrayee Majumdar 32. Kuldeep Sharma 13. Ayush Garg 33. Manish Kumar 14. Brajesh Kumar Mishra 34. Mohini Mishra 15. Chetan Parikh 35. Navdeep Punia 36. Navneet Kumar 16. चेतन रामकशन 37. Nidhi Tandon 17. Chowdhary Akash 38. Rachit Sondhi 18. Deepak Tyagi 39. Rainy Sharma 19. Dharmender Sharma 40. Raj Kamal 20. Dhriti Srivastava 41. Raj Kowsik 42. 43. 44. 45. 46. 47. 48. 49. 50. 51. 52. 53. 54. 55. 56. 57. 58. 59. 60. 61. 62. Rajat Khare Rajendra Purohit Rajiv Shukla Rakesh Julka Rana Rehan Rekha Tyagi Shukla Renu Pari Saira Isar Santosh Tiwary Shafiqa Bano Shanker Kargeti Shikha Atul Siddharth Mishra Siya Sachdev Soma Mitra Sushil Jhunjhunw Jhunjhunwala Tarun Shandilya Vandana Grover Vandana Sharma Vikash Malviya Vinay S. Pandey All S’her & Creative Writing Compiled from fr Facebook By Dharmendra Sharma & Put in alphabetical order by Amit Harsh Individual Messages sages written by Amit Harsh, Dharmendra Sharma, Vinay S. Pandy, Manish Kumar & Siya Sachdev All Other Chapter of the Souvenir Compiled & Designed by Maniish Kumar & Radio Sheetal Team, Dynamic Tarang [P] Ltd 52 Online Mushayra/July 30th 2011/Ye Tasvir Jo Basa Li Hai Dil Me
Similar documents
Foreclosure Information
NOT Recording Date on or after: 04/08/2011 NOT Recording Date on or before: 04/14/2011
More information7. online uti pan card process - NICT-CSC
Uploads docs पर ि\लक करने पर आपके सामने browser OPEN होगा ! िजसमे आपको print ;नकाले हुए APPLICANT FORM (PRINT ;नकले हुए दोनो फामF,id proof ,address proof ,DOB PROOF को आपको Vकेन करके एक साथ PDF मे...
More information14th JUNE,2015,Mavalankar Hall , Constitution Club
by Ms Geeta Das based on the selected works of Nida Fazli shall complete the union of the three forms, Literature, Music and Art.
More information